जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर सुनवाई करेगा अमेरिकी कांग्रेस का समूह
- जानकारों ने इस समूह के इरादों पर जताया संदेह, गवाह भारत के घोर विरोधी
- क्षेत्र के इतिहास और भारत-पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन की होगी जांच
- भारत खत्म कर चुका है राज्य से अनुच्छेद 370, पाकिस्तान ने किया था विरोध
अमेरिकी कांग्रेस का मानवाधिकार संबंधी समूह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद वहां की स्थिति पर इस सप्ताह सुनवाई आयोजित करेगा। हालांकि जानकारों ने समूह के इरादों पर संदेह जताते हुए कहा कि इस समूह के गवाह (जम्मू-कश्मीर जाकर वहां की स्थिति देखकर आने वाले) भारत के घोर विरोधी रहे हैं।
टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग ने कहा कि गवाह जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति देखेंगे। वे क्षेत्र के इतिहास और भारत व पाकिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन की जांच करेंगे। इसके बाद कार्रवाई के लिए कांग्रेस से सिफारिश करेंगे। आयोग ने बुधवार को सुनवाई के लिए गवाह के रूप में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग की आयुक्त अनुरिमा भार्गव को आमंत्रित किया है।
नोटिस के बिना सुनवाई की घोषणा
टॉम लैंटोस आयोग के इरादों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने कहा कि इसके सह अध्यक्षों ने नोटिस के बिना सुनवाई की घोषणा की और ऐसा पैनल चुना है जो भारत का विरोधी है। उन्होंने पैनल में शामिल लोगों की मंशा पर भी संदेह जताया। कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने संदेह जताया कि इसके पीछे पाकिस्तानी-अमेरिकी और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के करीबी लोगों के समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर धन मुहैया कराया जाना है।