सफलता: आंध्र प्रदेश में में मिला दुर्लभ तत्वों का भंडार

सफलता: आंध्र प्रदेश में में मिला दुर्लभ तत्वों का भंडार

वैज्ञानिक पीवी सुंदर राजू ने कहा कि अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन देखा गया है। मोनाजाइट के दानों में अनाज के अंगर रेडियल दरारों के साथ कई रंग दिखाई देते हैं, जो ये संकेत है कि इसमें रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं।

सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (REE) का भंडार खोजा है। इन तत्वों का सबसे अधिक इस्तेमाल सेलफोन, टीवी और कंप्यूटर से लेकर ऑटोमोबाइल तक में होता है। वैज्ञानिक साइनाइट जैसी गैर-पारंपरिक चट्टानों के लिए सर्वेक्षण कर रहे थे, तभी उन्हें लैंथेनाइड सीरिज में यह खनिज मिले।

एनजीआरआई के वैज्ञानिक पीवी सुंदर राजू ने कहा कि अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन देखा गया है। मोनाजाइट के दानों में अनाज के अंगर रेडियल दरारों के साथ कई रंग दिखाई देते हैं, जो ये संकेत है कि इसमें रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कि अनंतपुर में अलग-अलग आकार का जिक्रोन भी देखा गया है। इन आरईई के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए और गहराई तक खुदाई करके और अध्ययन करना पड़ेगा।

ये तत्व मिले…
वैज्ञानिकों को मिले इन तत्वों में एलानाइट, सीरीएटष थोराइट, कोलम्बाइट, टैंटलाइट, एपेटाइट, जिरकोन, मोनाजाइट, पायरोक्लोर यूक्सेनाइट और फ्लोराइट शामिल हैं।

यहां हो सकता है उपयोग
वैज्ञानिक पीवी सुंदर राजू ने कहा कि इन तत्वों का इस्तेमाल स्वच्छ ऊर्जा, एयरोस्पेस, रक्षा और स्थायी चुंबकों के निर्माण में किया जाता है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स पवन टर्बाइनों, जेट विमानों और कई अन्य उत्पादों में किया जाता है। मुख्य डेंचेरला साइट अंडाकार आकार की है, जिसका क्षेत्रफल 18 किमी वर्ग है। उन्होंने कहा कि अभी इन तत्वों पर हम और अध्ययन कर रहे हैं।

 

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