सोनिया बोलीं- आरसीईपी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की तैयारी, गोयल का पलटवार

सोनिया बोलीं- आरसीईपी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की तैयारी, गोयल का पलटवार

कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में पांच से 15 नवंबर के बीच आंदोलन का एलान किया है। इसी को लेकर कांग्रेस की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक में सोनिया ने कहा, सरकार इसके माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है। गंभीर मंदी को स्वीकारने और समग्र समाधान तलाशने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी सुर्खियां बटोरने और आयोजनों में व्यस्त हैं। मोदी सरकार के कई फैसलों से अर्थव्यवस्था को कम नुकसान नहीं हुआ था कि अब वह आरसीईपी के माध्यम से बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है। इससे हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटे एवं मझले इकाइयों पर गंभीर दुष्परिणाम होंगे।

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जीडीपी की वृद्धि पहली तिमाही में केवल पांच फीसदी है। बेरोजगारी का 8.5 फासदी स्तर परेशान करने वाला है। मोदी सरकार के नोटबंदी, जीएसटी और आर्थिक फैसलों के परिणामस्वरूप पिछले छह सालों में 90 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं।
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर व्हाट्सएप के जरिए जासूसी करने का भी आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि इजराइली पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से मोदी सरकार ने कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और राजनेताओं की जासूसी करने की कोशिश की। ये गतिविधियां केवल अवैध और असंवैधानिक ही नहीं बल्कि शर्मनाक भी हैं।

यह बैठक सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ पांच से 15 नवंबर के बीच घोषित अभियान को धार के देने के लिए बुलाई थी। बैठक में पूरे देश में किस तरह धरना-प्रदर्शन कर जन आंदोलन खड़ा किया जाए, इसकी रणनीति पर चर्चा हुई।

बैठक में सभी महासचिवों के अलावा राज्यों के प्रभारी और महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई समेत सभी फ्रंटल आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष को भी बुलाया गया था। बता दें कि कांग्रेस मोदी सरकार की आर्थिक नीति और फैसलों के खिलाफ जनता के बीच जाना चाहती है।

कांग्रेस का फोकस शहरी आबादी से कहीं अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में है जहां आर्थिक मंदी और अर्थव्यवस्था से जुड़े नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों के चलते किसानों, ग्रामीणों, छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। कांग्रेस औद्योगिक इलाकों में भी जनसंपर्क अभियान तेज करना चाहती है ताकि मंदी के चलते उद्योगों की बंदी पर सरकार को घेरा जा सके।

पीयूष गोयल का पलटवार 

वहीं, पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सोनिया गांधी जी आरसीईपी और एफटीए पर अचानक जाग गई हैं। वो तब कहां थीं जब आरसीईपी देशों के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 बिलियन से बढ़कर 2014 तक 78 बिलियन डॉलर पहुंच गया था।

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