विलमिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्वाड (QUAD) का उद्देश्य किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान के लिए है। शनिवार को वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र हमारी प्राथमिकता है।” यह शिखर सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित किया गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा भी शामिल हुए।
बिना नाम लिए चीन पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान करने के समर्थन में हैं।” हालांकि, उनका इशारा स्पष्ट रूप से चीन की ओर था, जो दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में शामिल है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर दावा करते हैं।
‘क्वाड का भविष्य मजबूत रहेगा’
पीएम मोदी ने यह भी जोर दिया कि, “क्वाड बना रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।” उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में हमने कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं।”
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक स्तर पर तनाव और संघर्ष बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, “ऐसे समय में क्वाड का अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ काम करना पूरी मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण है।” प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं और 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।