प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं, जहां उन्होंने क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस यात्रा के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को एक खास तोहफा दिया। अमेरिका ने भारत को 297 प्राचीन और बहुमूल्य कलाकृतियां सौंपी हैं, जो तस्करी के जरिए भारत से बाहर ले जाई गई थीं। पिछले 10 वर्षों में, अमेरिका ने भारत को कुल 578 ऐतिहासिक धरोहरें लौटाई हैं।
अमेरिका ने पहले भी लौटाई हैं धरोहरें
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने भारत को उसकी सांस्कृतिक धरोहरें लौटाई हैं। साल 2021 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भी अमेरिका ने भारत को 157 प्राचीन धरोहरें लौटाई थीं। इनमें 12वीं शताब्दी की प्रसिद्ध कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी।
पीएम मोदी ने जताया आभार
297 प्राचीन कलाकृतियों की वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमें सांस्कृतिक जुड़ाव को और गहरा करना है और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है। मैं राष्ट्रपति बाइडेन और अमेरिकी सरकार का आभारी हूं कि उन्होंने भारत को 297 अमूल्य पुरावशेष लौटाए।”
भारत-अमेरिका सांस्कृतिक संपत्ति समझौता
गौरतलब है कि जुलाई 2024 में दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति के मौके पर, भारत और अमेरिका ने ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का उद्देश्य भारत से अमेरिका में होने वाली भारतीय पुरावशेषों की अवैध तस्करी को रोकना था। पिछले दशक में, इस दिशा में तस्करी को नियंत्रित करने में सफलता मिली है, और कई महत्वपूर्ण धरोहरें भारत को वापस मिल चुकी हैं।