प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन, देश के विकास पथ को सुदृढ़ करेगा लोकतंत्र का मंदिर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को एक भव्य कार्यक्रम में नए संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे।इस दौरान नए संसद भवन में उस ऐतिहासिक और धार्मिक सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा जो अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तातंरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था।
नई दिल्ली। करीब 32 साल पहले देश ने नए संसद भवन का जो सपना देखा था, वह अब पूरा हो गया है। नया संसद भवन बनकर तैयार है। ढाई साल में तैयार हुआ यह भवन हाईटेक होने के साथ ही भारतीय कला और संस्कृति से सुसज्जित है।
पीएम मोदी भव्य कार्यक्रम में देश को करेंगे समर्पित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को एक भव्य कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित करेंगे। इस दौरान नए संसद भवन में उस ऐतिहासिक और धार्मिक सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा जो अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तातंरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। हालांकि, बाद में इसे प्रयागराज स्थित संग्रहालय को सौंप दिया गया था।
प्रमुख हस्तियों को किया गया है आमंत्रित
नए भवन के इस उद्घाटन मौके पर संसद के दोनों ही सदनों के सदस्यों के साथ ही देश की प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि, कांग्रेस सहित दूसरे कई विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया है। नया भवन पुराने संसद भवन परिसर में ही बनाया गया है।
पीएम मोदी दे सकते हैं संसद भवन को कोई नया नाम
नया संसद भवन अपनी नई खासियतों के साथ ही पुराने भवन के मुकाबले काफी बड़ा है। माना जा रहा है कि इस मौके पर पीएम नए संसद भवन को कोई नया नाम भी दे सकते हैं। सेंट्रल विस्ट्रा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, नई संसद की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी क्योंकि जो मौजूदा भवन है, उनमें सांसदों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
मालूम हो कि यह सोच सबसे पहले 1991-92 के दौरान तब आया, जब पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने संसदीय कार्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को बुलाकर इस दिशा में विचार करने के लिए कहा था।
परिसीमन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है नया संसद भवन
इसके बाद सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा भी हुई। उसमें कहा गया कि रोक के चलते वर्ष 2026 तक संसद के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ने जा रही है, ऐसे में अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है। 2026 नजदीक आने पर सोचा जाएगा। सूत्रों की मानें तो मौजूदा सरकार ने भी 2026 के बाद होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए ही नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दी थी।
कार्यक्रम की रूप रेखा
- पहले चरण में 7: 30 से 8: 30 तक हवन और पूजा
- 8: 30 से 9:00 के बीच सेंगोल की स्थापना
- 9:00 बजे लोकसभा चैंबर्स में कार्यक्रम
- संसद की लाबी में सुबह 9.30 बजे प्रार्थना सभा-
- दूसरे चरण में पीएम मोदी दोपहर 12 बजे संसद पहुंचेंगे
- 12:07 पर राष्ट्रगान और फिर 12:10 बजे राज्यसभा के उपसभापति का स्वागत भाषण
- 12:17 बजे से संसद पर दो फिल्मों की स्क्रीनिंग
- 12.29 पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का संदेश, उसके बाद राष्ट्रपति का संदेश
- 12: 43 बजे- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भाषण
- 1:00 बजे प्रधानमंत्री खास सिक्का और मुहर जारी करेंगे
- 1.10 बजे पीएम मोदी का भाषण।
- डेढ़ बजे धन्यवाद प्रस्ताव।
नंबर गेम
- 10 दिसंबर 2020 को किया गया था निर्माण कार्य का शुभारंभ।
- 1991-92 के दौरान पहली बार आया था विचार।
- 888 सदस्यों के लोकसभा और 384 के राज्यसभा में बैठने की व्यवस्था है नए संसद भवन में।
- 1280 तक बढ़ाई जा सकेगी दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों के दौरान लोकसभा में बैठने की क्षमता।
- 2026 के बाद होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए नए भवन के निर्माण को दी गई मंजूरी दी, बढ़ सकती हैं सदनों में सीटें।
नए संसद भवन में ये भी
- इसमें देश के एक हजार साल पुराने इतिहास के दर्शन होंगे।
- इस भवन में चाणक्य से लेकर डा. आंबेडकर जैसे महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं।
- आजादी के उन गुमनाम नायकों की भी एक गैलरी तैयार की गई है, जिनके योगदान से देश अब तक वंचित है।
मेरठ की नर्सरी से महकेगा सेंट्रल विस्टा
नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन होगा तो वहां मेरठ के सुगंधित फूल-पौधे ना केवल परिसर की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि परिसर को महकाएंगे भी। फूलों की नर्सरी के कारोबार में 93 वर्ष का अनुभव रखने वाली शाहजहांपुर कस्बे की वाटिका नर्सरी को सेंट्रल विस्टा की सजावट के लिए दो साल तक फूल-पौधे उपलब्ध कराने का जिम्मा मिला है।
नर्सरी संचालक गालिब ने बताया कि मार्च में सेंट्रल विस्टा के प्रांगण में नई प्रजातियां रोपी गईं हैं। मार्च तक जकरैंडा, गुलमोहर, केशिया फिसटूला, एरनथिंना इंडिका, पारिजात, तबुबिया, रोजिया, एरिका पाम, रेडमचिरा, रटूसा टोपेरी, कुरेजिया, माइकेलिया चंपा आदि प्रजाति के पौधे भेजे जा चुके हैं।
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