गुलाम नबी आजाद से छिना सरकारी बंगला, उमर और महबूबा को भी करना होगा खाली

गुलाम नबी आजाद से छिना सरकारी बंगला, उमर और महबूबा को भी करना होगा खाली
हाइलाइट्स
  • वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर के वीवीआईपी जोन में मिला सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा है
  • ये सरकारी बंगले जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को ताउम्र मुफ्त में रहने के लिए मिला करते थे
  • लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल 2019 के लागू होने की तारीख, 1 नवंबर के बाद से ये लाभ मिलना बंद हो जाएंगे

सलीम पंडित, श्रीनगर
वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर के वीवीआईपी जोन में मिला सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा है। ये सरकारी बंगले जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को ताउम्र रहने के लिए मिला करते थे जिनका किराया भी नहीं लगता था, लेकिन अनुच्‍छेद 370 और 35ए के तहत राज्‍य को मिला विशेष दर्जा हटने के बाद अब चीजें बदल गई हैं।

आजाद नवंबर 2005 से जुलाई 2008 तक राज्‍य के मुख्‍यमंत्री थे, तब से अब तक गुपकर रोड पर बने जे ऐंड के बैंक का गेस्‍टहाउस उन्‍हें सरकारी आवास के रूप में मिला हुआ था। हालांकि, आजाद श्रीनगर में नहीं रहते। जे ऐंड के बैंक के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हमें कहा गया है कि पूर्व मुख्‍यमंत्री ने हमारा गेस्‍ट हाउस खाली कर दिया है लेकिन प्रशासन ने अभी यह प्रॉपर्टी हमारे सुपुर्द नहीं की है।’

1 नवंबर तक खाली करने होंगे सरकारी बंगले
पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्‍दुल्‍ला 5 अगस्‍त से नजरबंद हैं। गुपकर रोड पर इन दोनों के पास भी बड़े सरकारी बंगले हैं। इन दोनों को ये बंगले 1 नवंबर तक खाली करने होंगे। राज्‍य संपत्ति विभाग ने इन मकानों में मौजूद सरकारी चीजों, मसलन फर्नीचर वगैरह की लिस्‍ट बना ली है।

जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल 2019 में ये सुविधाएं खत्‍म
जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल सदस्य पेंशन ऐक्‍ट, 1984 के आधार पर पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को ये आजीवन सुविधाएं दी जा रही थीं। साल 1996 के बाद से कई बार इसमें संशोधन करके और सुविधा व सहूलियतें बढ़ाई गई थीं। लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल 2019 के लागू होने की तारीख, 1 नवंबर के बाद से ये सारे लाभ मिलना बंद हो जाएंगे।

फारूक निजी मकान में नजरबंद
फारूक अब्दुल्ला एकमात्र जीवित मुख्‍यमंत्री हैं जिनके पास कोई सरकारी संपत्ति नहीं है। वह अपने निजी मकान में ही नजरबंद हैं लेकिन उन्‍हें मुफ्त मेडिकल देखभाल, ट्रांसपोर्ट और दूसरी सुविधाएं अभी भी जारी हैं।

सरकारी बंगलों पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं
आजाद को छोड़कर हर पूर्व मुख्‍यमंत्री ने सरकारी बंगलों के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। उमर अब्‍दुल्‍ला के बंगले में दूसरी सहूलियतों के साथ आधुनिक जिम भी है। 5 अगस्‍त से गुपकर रोड पर मौजूद हरि निवास पैलेस ही उनका अस्‍थाई घर बना हुआ है।

 

 


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