अनुच्छेद 370 की वजह से हो रहा था मानवाधिकारों का उल्लंघन: निर्मला सीतारमण

अनुच्छेद 370 की वजह से हो रहा था मानवाधिकारों का उल्लंघन: निर्मला सीतारमण

खास बातें

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोलंबिया विवि में चर्चा में लिया हिस्सा
  • कहा- अनुच्छेद 370 की वजह से महिलाएं संपत्ति के अधिकार से वंचित थीं
  • अनुसूचित जातियों को उनके कल्याण के लिए बनाए गए संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुच्छेद 370 की वजह से महिलाओं को उनके संपत्ति के अधिकार से वंचित रखा जा रहा था और यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था। पर इसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की, लेकिन जब इस अस्थाई संवैधानिक प्रावधान को हटा लिया गया है तो मानवाधिकार वैश्विक स्तर पर एक ‘चर्चित शब्द’ बन गया है। उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद ने जम्मू कश्मीर के लोगों को मूलभूत अधिकार देने से रोक दिया था।

वह कोलंबिया विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स’ में आयोचित चर्चा में हिस्सा ले रही थीं। सीतारमण से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद राज्य में रहे बंद के कारण जम्मू-कश्मीर को हुए आर्थिक नुकसान को लेकर सवाल किया गया था।

उन्होंने कहा कि अस्थायी अनुच्छेद 370 के कारण अभी तक महिलाएं अपनी संपत्ति के अधिकार से वंचित थीं। इसके चलते राज्य की अनुसूचित जातियों को उनके कल्याण के लिए बनाए गए संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया। इस अस्थायी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद उन्हें ये सभी अधिकार मिल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि एक महिला को उसकी पिता की संपत्ति पर अधिकार से वंचित रखना, वो सिर्फ इसलिए कि उसकी शादी राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति से हुई है। यह मानवाधिकार का एक गंभीर उल्लंघन है, जिसपर आजतक किसी ने बात नहीं की। हम तब कहां थे जब इतने वर्षों तक इन महिलाओं को संपत्ति के अधिकारों से वंचित रखा गया। हम तब कहां थे जब अनुसूचित जाति के लोगों का सकारात्मक कदम उठाने से रोका गया। इस चर्चा में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जगदीश भगवती, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी हिस्सा लिया।

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