महाराष्ट्र: देवेंद्र फडणवीस ने दिया इस्तीफा, कहा-प्रधानमंत्री पर शिवसेना की टिप्पणी स्वीकार नहीं
देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस और राज्य के अन्य मंत्रियों ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। हालांकि वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका निभाते रहेंगे। फडवणीस ने यह भी कहा कि शिवसेना ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि विपक्ष अगर हमारी आलोचना करती है, तो यह समझ में आता है। मगर शिवसेना सरकार के बारे में कुछ कहती है, तो यह अस्वीकार्य है। फडणवीस ने कहा कि अगर हम साथ रहते हैं और शिव सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना जारी रखना चाहता है, तो हम भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ जो टिप्पणियां कीं, उससे हमें दुख हुआ है।
इस्तीफा देने के बाद फडणवीस मीडिया से भी रूबरू हुए और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। परिणाम आने के 15 दिन बाद तक भी सरकार बनाने पर फैसला नहीं होने पर फडणवीस ने कहा कि यह जनादेश का अपमान है। पांच साल तक सरकार चलाने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र की जनता और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का आभार जताया। फडणवीस ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में हमने जनता के विकास के लिए काफी काम किए। इसी काम के दम पर जनता ने फिर से एनडीए को चुना है।
फडणवीस ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में हमने जनता के विकास के लिए काफी काम किए। इसी काम के दम पर जनता ने फिर से एनडीए को चुना है। शिवसेना के साथ 50-50 फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पर को लेकर ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के लिए फडणवीस ने शिवसेना को ही जिम्मेदार ठहराया।
उद्धव ने नहीं उठाया फोन
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘उद्धवजी ने मेरा फोन नहीं उठाया। हमने चर्चा बंद नहीं की। उन्होंने हमसे बात करना बंद कर दिया।’ उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे नाराज हों और हमसे बात करने में थोड़ा समय लें। मगर यह बेहद दुर्भाग्यजनक रहा कि शिव सेना ने कांग्रेस और एनसीपी से दिन में 2 से तीन बार बात करना शुरू कर दी।
मीडिया में बयान देने से सरकार नहीं बनती :
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना लगातार मीडिया में बयान दे रही है, लेकिन सिर्फ बयानबाजी से सरकार नहीं बनती। फडणवीस ने कहा कि दुर्भाग्यवश जब परिणाम आया, तब उद्धव जी ने कहा था कि सरकार बनाने के सभी विकल्प खुले हुए हैं। मगर बाद में उनका फैसला हमारे लिए चौंकाने वाला था। जनता ने हमारे गठबंधन को बहुमत दिया था।