चीन पर नजर, भारत और फ्रांस ने पहली बार हिंद महासागर में की जॉइंट पेट्रोलिंग
- भारत और फ्रांस की नौसेना ने पहली बार हिंद महासागर में सामूहिक गश्त की है
- दोनों देशों ने यह जॉइंट पेट्रोलिंग अफ्रीका महाद्वीप में स्थित रियूनियन द्वीप से किया
- भारत ने संदेश दिया है कि वह हिंद महासागर में मित्र देशों के साथ आने को तैयार
पेरिस
चीन की नौसेना के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत और फ्रांस की नौसेना ने पहली बार हिंद महासागर में सामूहिक गश्त की है। दोनों देशों की नौसेनाओं की यह जॉइंट पेट्रोलिंग अफ्रीका महाद्वीप में स्थित रियूनियन द्वीप से किया गया है। इस पेट्रोलिंग के साथ ही भारत ने संदेश दिया है कि वह हिंद महासागर में अपने पैर पसारने के लिए अपने मित्र देशों के साथ आने को तैयार है।
भारत और फ्रांस की नौसेना का फोकस पूर्वी अफ्रीकी तटीय इलाके से लेकर मलक्का जलडमरू के मध्य तक है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब तक इस तरह के अभ्यास केवल पड़ोसी देशों के साथ ही करता रहा है। यही नहीं भारत ने अमेरिका की ओर से दिए गए इसी तरह के ऑफर को ठुकरा दिया था। भारत ने कहा था कि केवल पड़ोसियों के साथ ही यह गश्त की जाएगी।
पिछले महीने रियूनियन द्वीप से जॉइंट पेट्रोलिंग
रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारतीय नौसेना ने फ्रांसीसी नेवी के साथ मिलकर पिछले महीने रियूनियन द्वीप से जॉइंट पेट्रोलिंग की थी। यह गश्त भारतीय नौसेना के पी-8 आई विमान से की गई थी और उस दौरान फ्रांस की नौसेना के सदस्य शामिल थे। यह गश्त दक्षिणी हिंद महसागर में मॉरिशस के तट तक की गई थी। इस पेट्रोलिंग के लिए करीब एक सप्ताह तक पी-8 आई विमान वहां पर गया था।
सूत्रों के मुताबिक भारत और फ्रांस दोनों समुद्री नौवहन के क्षेत्र में एक-दूसरे का काफी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब यह गश्त समय-समय पर होती रहेगी। दरअसल, रियूनियन द्वीप समूह फ्रांस के नियंत्रण में आता है। यह स्वेज नहर के काफी पास है और दुनियाभर के समुद्री जहाज इस रास्ते से गुजरते हैं। फ्रांस के साथ भारत की दोस्ती बहुत गहरी है, इसलिए भारतीय नौसेना को साथ में गश्त करने में कोई दिक्कत भी नहीं है। इस पूरे इलाके में चीन की नौसेना लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रही है। चीन ने यहां दिजिबूती में अपना सैन्य अड्डा बनाया है।
व्हाट्सएप पर समाचार प्राप्त करने के लिए यंहा टैप/क्लिक करे | वीडियो समाचारों के लिए हमारा यूट्यूब चैनल सबस्क्राईब करे |