‘सबकुछ हवाबाजी है…’, बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने किए कड़े सवाल, अधिकारी नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बढ़ते प्रदूषण के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से ताबड़तोड़ सवाल किए, जिनका अधिकारी उचित जवाब नहीं दे सके। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों पर अदालत ने असंतोष जताया और इसे लेकर अधिकारियों की तैयारियों पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा, “सबकुछ हवाबाजी है…” और पूछा कि आखिर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे हैं?
सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आयोग के उपायों पर सवाल उठाए और कहा कि जनता को स्वच्छ हवा का अधिकार है, लेकिन प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के सवालों का माकूल जवाब नहीं दे पाए, जिससे अदालत का असंतोष और बढ़ गया।
अगली सुनवाई की तारीख तय
पराली जलाने के चलते हर साल सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो जाता है। कोर्ट ने इस गंभीर समस्या पर आयोग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की है।
यह देखना होगा कि अगली सुनवाई में अधिकारियों द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए क्या नए और ठोस कदम उठाए जाएंगे।