दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के दौरान हंगामा, NSUI संयुक्त सचिव और प्रोफेसर के बीच तीखी बहस
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के दौरान बुधवार को एक पोलिंग बूथ पर बड़ा हंगामा हो गया। विवाद NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के संयुक्त सचिव लोकेश चौधरी और डीयू के प्रोफेसर अनुपम झा के बीच हुआ, जो लॉ फैकल्टी में प्रोफेसर और उस दिन इलेक्शन इंचार्ज के तौर पर तैनात थे। घटना उस वक्त हुई जब लोकेश चौधरी चुनाव के दौरान अपने इलेक्शन बैच के साथ बूथ में पहुंचे। नियमों के अनुसार, बैच पहनकर बूथ में प्रवेश की अनुमति नहीं थी, और प्रोफेसर अनुपम झा ने उन्हें रोका। इस पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई, जो बाद में हंगामे और हाथापाई तक पहुंच गई। NSUI के समर्थकों ने भी वहां आकर माहौल गर्मा दिया और स्थिति बिगड़ गई।
वोटों की गिनती पर लगी रोक
DUSU चुनाव के नतीजे 28 सितंबर को घोषित किए जाने थे, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने वोटों की गिनती और परिणामों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक चुनाव में खड़े सभी उम्मीदवार पोस्टर, पैम्फलेट और होर्डिंग्स को नहीं हटाते, तब तक गिनती नहीं होगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी, MCD और DMRC द्वारा पोस्टर हटाने पर जो खर्चा हुआ है, उसका भुगतान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से वसूला जाएगा।
कोर्ट की DU अधिकारियों को फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 सितंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि DU अपने छात्रों को अनुशासन में रखने में विफल रहा है। कोर्ट ने कहा, “अगर आप 21 उम्मीदवारों को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो लाखों छात्रों का प्रबंधन कैसे करेंगे?” अदालत ने DU प्रशासन पर सख्त टिप्पणी करते हुए उन्हें छात्रों के अनुशासन और चुनावी नियमों का सख्ती से पालन करवाने की हिदायत दी।
इस घटना के बाद DUSU चुनाव और उससे जुड़ी गतिविधियां एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं, और अब सभी की नजरें कोर्ट के अगले आदेश और वोटों की गिनती पर हैं।