आम बाग में फलमक्खी से बचाव के लिए जिलाधिकारी ने दिये उचित प्रबन्धन के निर्देश

सहारनपुर [24CN]। जिलाधिकारी डा0दिनेश चन्द्र ने किसानो के आमबाग को फलमक्खी से बचाने के दृष्टिगत उन्होंने कहा कि फल मक्खी के प्रकोप से आम की पिछेती प्रजाति यथा-चौसा, लंगडा, आम्रपाली आदि के फलों को अत्यधिक क्षति होती है। जिसके कारण आम बागवानों को फलों का उचित मूल्य न मिल पाने के कारण काफी आर्थिक हानि होती है। उन्होंने सम्बन्धित विभाग को इसकी जानकारी एवं बचाव के उपाय बागवानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

संयुक्त निदेशक औद्याानिक प्रयोग वं प्रशिक्षण केन्द्र श्री सुरेश कुमार ने बताया कि वयस्क मादा फलमक्खी पके हुए या अधपके फलों पर अण्डे देती है, जिनसे लारवा निकल कर फलों के गूदे को खाना प्रारम्भ कर देती है जिसके फलस्वरूप फल सड कर नीचे गिर जाते हैं। गिरे हुए फलों से लारवा निकल कर जमीन के अन्दर प्रवेश कर जाता है और वयस्क होकर बाहर निकलता है। वयस्क मादा फलमक्खी फलो पर पुनः अण्डे देना प्रारम्भ कर देती है। अतएव् फलमक्खी का उचित प्रबन्धन किया जाना नितान्त आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि फल फलमक्खी कीट के प्रबन्धन के लिए बागवानों को बागों को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए। इस समय फलों की बैगिंग करने का उपयुक्त समय है। बैगिंग करने के उपरांत फल मक्खी फलों पर अण्डे नहीं दे पाती है, जिसके फलस्वरूप उच्चकोटि के फल प्राप्त होते हैं। माह-मई में बागों में फेरोमेन टेªप प्रति हेक्टेयर 10-15 की दर से प्रयोग करने से वयस्क फलमक्खी की संख्या में कमी आती है। फेरोमेन टेªप बनाने हेतु 60 मिली0 एल्कोहल, 40 मिली0 मिथाइल यूजिनाल, 20 मिली0 मैलाथियान 6ः4ः2 के अनुपात में तैयार कर प्लाइवुड के टुकड़े को 48 घण्टे डुबोकर प्लास्टिक बोतल या टेªप में प्रति हेक्टेयर 10-15 स्थानों पर लटकाना चाहिए। फलमक्खी के प्रभावी नियंत्रण हेतु फेरोमेन टेªप में ल्यूर या लकड़ी का गुटका 02 माह में बदल देना चाहिए।

उन्होने बताया कि फलमक्खी से बचाव हेतु नीम तेल व 4-5 मिली0 प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने पर फसल को बचाया जा सकता है। फलमक्खी से ग्रसित जमीन पर गिरे हुए फलों को एकत्र कर गहरे गडढे में दबाना चाहिए, जिससे फलमक्खी का लारवा वयस्क मक्खी में परिवर्तित न हो सके। फलमक्खी का अत्यधिक प्रकोप होने की स्थिति में मैलाथियान 50 ई0सी0 1.5-2.0 मिली0 प्रति लीटर पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिड़काव करना चाहिए।