10 रुपये में गरीबों का इलाज करने वाले डॉक्टर की मौत, कोरोना वायरस को जीत कर भी जिंदगी की जंग हारा

10 रुपये में गरीबों का इलाज करने वाले डॉक्टर की मौत, कोरोना वायरस को जीत कर भी जिंदगी की जंग हारा

चेन्नई: कोरोना संकट के बीच सिर्फ 10 रुपये में गरीबों का इलाज करने वाले डॉक्टर सी मोहन रेड्डी का 84 साल की आयु में निधन हो गया। कोरोना संकट के दौरान भी उन्होंने अपनी परवाह किए बिना सिर्फ 10 रुपये में मरीजों का इलाज किया था।

कोरोना की चपेट में आ गए थे डॉक्टर मोहन रेड्डी
इसी दौरान वह खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए। हालांकि, इलाज के बाद रेड्डी ठीक हो गए और घर लौट आए, लेकिन बुधवार रात अचानक उन्हें चक्कर आया और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों उनको मृत घोषित कर दिया। डॉ मोहन रेड्डी का जन्म 1936 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुदुर से हुई। इसके बाद उन्होंने एमबीबीएस की शिक्षा के लिए किलपॉक मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था।

पूरे इलाके में शोक की लहर
हॉस्पिटल की एक नर्स ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि डॉक्टर रेड्डी की मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर है। उन्होंने बताया कि कई बार तो वो मरीजों से 10 रुपये की फीस भी नहीं लेते थे और मुफ्त में इलाज करते थे। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में एडमिशन चार्ज भी वो सिर्फ 100 रुपये लेते थे। उन्होंने गरीबों के लिए चेन्नई के विल्लवक्कम में मोहन नर्सिंग होम की शुरुआत की। ये 30 बेड का हॉस्पिटल है। शादी न करने वाले डॉक्टर रेड्डी हॉस्पिटल में ही रहते थे, जिससे कि मरीजों को इलाज कराने में कभी भी कोई परेशानी न हो।

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