जलसे में की बच्चों की दस्तारबंदी

जलसे में की बच्चों की दस्तारबंदी
  • सहारनपुर में मदरसे में जलसे को सम्बोधित करते मौलाना।

बेहट। मदरसा कसुरूल उलूम के सालाना जलसे में मजहब-ए-इस्लाम के तौर तरीकों पर चलने की अपील की गई। जलसे में 55 नाजरा और 9 हाफिज बच्चों की दस्तारबंदी भी की गई। कस्बा बेहट के मंडी समिति रोड स्थित मदरसा कसुरूल उलूम में आयोजित सालाना जलसे की शुरूआत रायपुर मदरसा से आए कारी मौहम्मद अजहर की तिलावत से शुरू हुई। इसके बाद नाते पाक हुई।

जलसे को सम्बोधित करते हुए दारूल उलूम देवबंद के मौलाना मुफ्ती मुजम्मिल हसन ने कहा कि अल्लाह की रस्सी को मजबूती के साथ थामे रखें। कुरआन-ए-करीम का एहतराम करें और कुरआन-ए-करीम पर अमल करें। मजाहिर उलूम सहारनपुर के मौलाना मुफ्ती मौहम्मद जावेद राणा ने कहा कि मायूस न हों, किताब उल्लाह और सुन्नते रसूल को मजबूती से थामे रखें। इंसा अल्लाह कामयाब हो जाएंगे। मदरसा अशराफुल उलूम गंगोह के हजरत मौलाना सलमान ने कहा कि बुराइयों को छोड़कर नेकियों पर अमल करें।

बुडिय़ा से आए हजरत मौलाना अब्दुल सत्तार ने 55 नाजरा और 9 हाफिज बच्चों की दस्तारबंदी कराई। इस अवसर पर जामिया मस्जिद के इमाम मौलाना राशिद जमाल कासमी, मदरसे के प्रबंधक काजी मौ. साजिद, मौलाना नादिर, हाफिज सादिक, मौलाना मौ. अहमद आदि मौजूद रहे।

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