कोरोना वायरस की वैक्सीन बनी नहीं और दुनिया में ‘कब्‍जा’ करने की होड़ तेज

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनी नहीं और दुनिया में ‘कब्‍जा’ करने की होड़ तेज

 

  • कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को वैक्‍सीन का बेसब्री से इंतजार है
  • विश्‍वभर में कई कंपनियां कोरोना वैक्‍सीन बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं
  • इस प्रयास में सफलता मिलती भी दिख रही है और तीन कंपनियां आगे निकलीं
  • कोरोना की वैक्‍सीन अभी तैयार नहीं हुई लेकिन कब्‍जा करने की होड़ तेज हुई

ब्रसेल्‍स
कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को वैक्‍सीन का इंतजार है। विश्‍वभर में कई कंपनियां वैक्‍सीन बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। इस प्रयास में सफलता मिलती भी दिख रही है और तीन कंपनियों की वैक्‍सीन तीसरे चरण में पहुंच गई है। कोरोना की वैक्‍सीन अभी तैयार नहीं हुई लेकिन दुनियाभर में इसकी करोड़ों डोज पर कब्‍जा करने की जैसे होड़ सी मच गई है।

यूरोपीय संघ कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बनाने की होड़ में आगे चल रही पांच बड़ी कंपनियों मॉडर्ना, सनोफी, जॉनसन एंड जॉनसन, बायोनटेक और क्‍योवेक से टीके की अग्रिम खरीद के लिए बातचीत कर रहा है। इससे पहले यूरोपीय यूनियन के चार सदस्‍य देशों ने अस्‍त्राजेनेका से कोरोना वायरस के 40 करोड़ डोज के लिए पहले ही डील कर चुका है। यह वैक्‍सीन ईयू के सभी 27 सदस्‍य देशों के लिए सैद्धांतिक रूप से उपलब्‍ध होगी।

वैक्‍सीन बना रही कंपनियों से यूरोपीयन यूनियन कर रहा बात
सूत्रों के मुताबिक वैक्‍सीन बना रही कंपनियों से यूरोपीयन यूनियन बात कर रहा है और गुरुवार को ईयू के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रियों की भी बातचीत हुई है। कई स्‍तरों पर हुई बातचीत से इसकी पुष्टि हुई है कि कोरोना वायरस की संभावित वैक्‍सीन और दवा को लेकर अमेरिका के शुरुआती नियंत्रण के बाद ईयू ने भी इसको लेकर अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। यूरोपीय आयोग के प्रवक्‍ता ने कहा, ‘हम कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर कई कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं।’

दुनियाभर में करीब 150 कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर काम हो रहा है। इनमें से 23 वैक्‍सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है। इनमें से भी 3 वैक्‍सीन अपने अंतिम चरण यानि फेज 3 में हैं। इसमें दो कंपनियां चीन की हैं और तीसरी ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी की है। बताया जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन की जॉनसन एंड जॉनसन और सनोफी कंपनी से बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है। इन कंपनियों से यूरोपीय यूनियन वैक्‍सीन के डोज को फाइनल कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक ईयू अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन से कोरोना वायरस वैक्‍सीन की 20 करोड़ डोज चाहता है। इसके अलावा ईयू आने वाले साल में फ्रांस की सनोफी कंपनी से 30 करोड़ डोज लेना चाहता है। सनोफी ने इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के कोरोना वैक्‍सीन के पहले चरण के पर‍िणाम बहुत ही उत्‍साहजनक रहे हैं। यह वैक्‍सीन सुरक्षित रही और रोग प्रतिरोध क्षमता पैदा की।

हर इंसान को मिले कोरोना वायरस वैक्‍सीन: कनाडा पीएम
कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर इसी ‘कब्‍जे’ की होड़ को देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कोरोना वायरस वैक्‍सीन के विकास होने पर इसे सभी देशों को समान रूप से बांटने की मांग की है। उनकी इस मांग का स्‍पेन, न्‍यूजीलैंड, साउथ कोरिया, इथोपिया समेत कुल कई देशों के नेताओं ने समर्थन किया है। कनाडा के पीएम ने ट्वीट कर कहा, ‘वैक्‍सीन जिंदगी बचाती हैं। इसी वजह से हम वैक्‍सीन की तलाश के लिए यहां अपने देश में और दुनियाभर के देशों में काम कर रहे हैं। और जब ऐसा करने में सफल हों तो हमें मिलकर काम करना होगा ताकि दुनिया के हर कोने में मौजूद इंसान तक इसकी पहुंच हो। क्‍योंकि वैक्‍सीन के वितरण में यह मायने नहीं रखना चाहिए कि आप कहां पर रहते हैं।’

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