सीजेआई बोबडे ने दिया प्रस्ताव- क्यों न सुप्रीम कोर्ट में वकालत के लिए न्यूनतम तर्जुबा तय हो
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि क्यों नहीं ऐसा किया जाए कि शीर्ष कोर्ट में वकालत के लिए वकीलों का न्यूनतम तजुर्बा तय कर दिया जाए। सीजेआई ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के समक्ष यह प्रस्ताव रखा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने वृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष मुकदमों की जल्द सुनवाई की मांग को लेकर वकीलों को होनी वाली समस्या का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, कई बार तो वकीलों को मेंसनिंग ऑफिसर के समक्ष सही तरीके से अपनी बात रखने का मौका भी नहीं मिलता। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, वह बार कौंसिल से कई बार कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए वकीलों में वकालत के तर्जुबे की न्यूनतम सीमा तय की जानी चाहिए।
इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने चीफ जस्टिस की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए दस वर्ष वकालत का तर्जुबा तय होना चाहिए।
गोवा के मोपा में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण का रास्ता साफ
साथ ही कोर्ट ने पश्चिमी घाट की जैव विविधता को बचाने की शर्तें मानने के लिए भी कहा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने हवाईअड्डे के निर्माण को हरी झंडी देते हुए नेशनल इंवॉयरन्मेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट(नीरी) को शर्तों के अनुपालन पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
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