चिराग पासवान ने फिर उठाई जातिगत जनगणना की मांग, बताया इसे बेहद जरूरी
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर देशभर में जाति आधारित जनगणना की मांग उठाई है। चिराग ने जातिगत जनगणना का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि इससे समाज के उन वर्गों की सही आबादी का पता चल सकेगा, जिन्हें और अधिक विकास की आवश्यकता है।
समाज के प्रति जिम्मेदारी का ज़िक्र
एक कार्यक्रम में चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), समाज के एक खास वर्ग के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी की प्राथमिकता उन वर्गों की चिंताओं को उठाना है, जिनका हम प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर उनके साथ कोई अन्याय होता है, तो हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी आवाज़ बनें।”
जातिगत जनगणना क्यों जरूरी?
चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि उनका रुख जातिगत जनगणना के समर्थन में है। उन्होंने कहा, “जाति आधारित नीतियां बनती हैं, तो सरकार के पास उस समुदाय की वास्तविक आबादी का आंकड़ा होना चाहिए। यह जनसंख्या डेटा बहुत जरूरी है ताकि उनके विकास के लिए सही ढंग से नीतियों का निर्धारण किया जा सके और सरकारी धन का आवंटन भी उचित हो।”
नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनेगी
बिहार की राजनीति पर चर्चा करते हुए चिराग ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कोई संदेह नहीं है कि एनडीए बिहार में फिर से सत्ता में आएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। यह बयान तब आया है जब बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।