BRICS Summit: आज मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग, इस ऐतिहासिक बैठक पर दुनिया की नजर

BRICS Summit: आज मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग, इस ऐतिहासिक बैठक पर दुनिया की नजर

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में आयोजित हो रहे BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। आज की तारीख खास है क्योंकि एशिया के दो महाशक्ति देशों—भारत और चीन—के नेता पांच साल बाद एक महत्वपूर्ण मुलाकात करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होने वाली है, जिस पर न केवल अमेरिका और पश्चिमी देशों, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। वर्तमान वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक हालातों को देखते हुए यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है।

2019 के बाद पहली बार मिलेंगे मोदी और जिनपिंग

इससे पहले पीएम मोदी और शी जिनपिंग का आमना-सामना 2019 में ब्राजील में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में हुआ था। पांच साल बाद 2024 में रूस के कजान में आयोजित इस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता फिर से मिलने वाले हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बैठक की पुष्टि की है, जिससे यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

भारत-चीन के बीच बनी सहमति

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच बीते कुछ वर्षों से जारी सैन्य तनाव अब कम होता दिख रहा है। चीन ने पुष्टि की है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ समझौता हो चुका है। यह बैठक दोनों देशों के बीच समझौतों और विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

गलवान संघर्ष के बाद तनाव

2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था। उस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों की मौत की पुष्टि नहीं की थी। अब, चार साल बाद, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।

फाइव आइज को कड़ा संदेश?

इस बैठक को लेकर एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे पश्चिमी देशों के गठबंधन ‘फाइव आइज’ को जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है। हाल ही में, कनाडा ने भारत पर कई आरोप लगाए हैं, जिसमें अमेरिका और फाइव आइज समूह के अन्य सदस्य कनाडा का समर्थन कर रहे हैं। फाइव आइज एक खुफिया साझेदारी है जिसमें अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन शामिल हैं। पीएम मोदी और शी जिनपिंग की यह मुलाकात वैश्विक मंच पर भारत और चीन की बढ़ती निकटता को दर्शा सकती है और फाइव आइज समूह को एक मजबूत संदेश हो सकती है।

आज की यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक हो सकती है, क्योंकि दोनों देशों के संबंधों और वैश्विक राजनीतिक समीकरणों पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।


विडियों समाचार