BJP सांसद को डेढ़ साल की सजा, सपा नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ किया था चक्का जाम

BJP सांसद को डेढ़ साल की सजा, सपा नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ किया था चक्का जाम

एसीजेएम कोर्ट से सजा के ऐलान के बाद सांसद कमलेश पासवान के पास सक्षम न्यायालय में अपील दायर करने का विकल्प है. चूंकि वह वर्तमान में सांसद हैं, इसलिए तत्काल उन्हें जेल भेजने के बजाय अदालत ने फिलहाल निजी मुचलके पर छोड़ दिया है.

गोरखपुर के बासगांव लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद कमलेश पासवान को एमपी एमएलए कोर्ट ने डेढ़ साल की सजा सुनाई है. सांसद को यह सजा 16 जनवरी 2008 में रोड जाम कर प्रदर्शन करने के मामले में सुनाई गई है. उस समय बसपा की सरकार थी और पासवान समाजवादी पार्टी में थे. उन दिनों बसपा सरकार ने सपा नेता अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को गिरफ्तार किया था. इसके विरोध में सांसद पासवान ने चक्का जाम किया था. अब चूंकि यह सजा तीन साल से कम है, इसलिए फिलहाल उन्हें जेल तो नहीं जाना होगा. लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ वह सेशन कोर्ट में अपील कर सकेंगे.

सपा नेता अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की गिरफ्तारी के विरोध में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनवरी 2008 में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था. इसी क्रम में तत्कालीन सपा नेता और फिलहाल बीजेपी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे कमलेश पासवान ने भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेन गेट पर धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने शहर में चक्का जाम करने करने की कोशिश की थी. ऐसे में पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर मामला कोर्ट में भेज दिया. मामले की सुनवाई एसीजेएम सेकंड प्रभात त्रिपाठी की कोर्ट में हुई.

इन्हें हुई सजा

अदालत ने सांसद कमलेश पासवान के अलावा उनके साथियों रामवृक्ष यादव, राजीसेमरा निवासी महेश पासवान, चंद्रेश पासवान, सराय निवासी रामआसरे, खोराबार थाना क्षेत्र के रायगंज निवासी सुनील पासवान और चिलुआताल थाना क्षेत्र के मानबेला निवासी खुदुस उर्फ घुहुस का दोषी पाया. इसके बाद इन सभी को डेढ़ साल के कारावास की सजा सुनाते हुए दो दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

सेशन कोर्ट में जाएंगे पासवान

एसीजेएम कोर्ट से सजा के ऐलान के बाद सांसद कमलेश पासवान के पास सक्षम न्यायालय में अपील दायर करने का विकल्प है. चूंकि वह वर्तमान में सांसद हैं, इसलिए तत्काल उन्हें जेल भेजने के बजाय अदालत ने फिलहाल निजी मुचलके पर छोड़ दिया है. उनके वकील पीके दुबे ने बताया कि जल्द ही इस फैसले के विरोध में सक्षम न्यायालय में अपील दाखिल कर दी जाएगी.

जेल भेजने का प्रावधान नहीं

वकील पीके दुबे के मुताबिक तीन साल से कम सजा के मामले में किसी सांसद या विधायक को जेल भेजने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने बताया कि साल 2008 के इस मामले में अदालत ने शनिवार को सांसद को दोषी करार दिया है. इसी के साथ उन्हें सजा सुनाई गई है. उन्होंने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान रखे गए तथ्यों के आधार पर ही अपील दायर की जाएगी.

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