लेजर लाइटों के साथ देशभक्ति गीतों पर झूमी दिल्ली, कनाट प्लेस में चार दिवसीय दिवाली मेले का आगाज
कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में शनिवार शाम से चार दिवसीय दिवाली मेले का आगाज हुआ। मेले की शुरुआत लेजर लाइटों के बीच देशभक्ति गीतों के साथ हुई। इस देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने इस दौरान काफी मस्ती की। देशभक्ति गीतों की धुनों पर दिल्ली जमकर झूमीं
मेले का उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए यह एक सराहनीय कोशिश है। आगे भी इस प्रयास को और बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं प्रदूषण मुक्त दिवाली की शुरुआत के लिए में मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 2 करोड़ लोग हैं, जिनमें हर धर्म और वर्ग के लोग रहते हैं। सभी में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए दिवाली मेले की शुरुआत की गई है। सीएम ने कहा कि आप सरकार ने दिल्ली में 25 प्रतिशत प्रदूषण कम कर दिया है और जल्द ही दिल्ली वासियों के लिए और भी बेहतर वातावरण तैयार करने की कोशिशें जारी हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार हम भगवान राम का रोशनी और दीयों के साथ स्वागत करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की सभी इस मेले में आकर इस पर्व की शोभा बढ़ाएं और प्रदूषण रहित दिवाली मनाएं।
कार्यक्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिवाली के इस त्योहार को और बेहतर बनाने की कोशिश है। यह इस बार प्रदूषण मुक्त दिवाली मानने की पहल है, जिसे हम आगे भी जारी रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
मेले की शुरुआत लेजर लाइटों के बीच जय हो देशभक्ति गीत से हुई। इस गीत को सुनते ही दिल्ली झूम उठी। लोगों ने जमकर इस मेले का आनंद उठाया। इस दौरान गायक जावेद अली ने अपनी प्रस्तुति से दिल्ली वालों का मन मोह लिया।
रोशनी से नहाया सेंट्रल पार्क
दिवाली मेले को आकर्षक बनाने के लिए पेड़ों पर लाईटिंग वाले कंदील लगाए गए हैं। सेंट्रल पार्क को खूबसूरत लाईटिंग गार्डन में तब्दील कर दिया गया। इतना ही नहीं इस मेले में देशभक्ति गीतों के साथ ही रामायण भी सुनाई गई, जिसमें भगवान राम के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण हिस्सों से दिल्ली को रूबरू करवाया गया।
इस मेले में दिल्ली वालों के लिए विभिन्न प्रकार के हथकरघा उत्पादों समेत अन्य उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए। इस स्टॉल्स के साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियां भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं। इसके अलावा लोगों ने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया।