हसन नसरल्लाह कौन था, जिसे इजरायली सेना ने किया ढेर? हिजबुल्लाह के चीफ बनने से लेकर इजरायल से बैर की पूरी कहानी
येरूशलम/बेरूत: इजरायली सेना के हमले में मारा गया हिजबुल्लाह का चीफ लीडर सैय्यद हसन नसरल्लाह कौन था? वह इस खूंखार संगठन का नेता कैसे बना और क्यों उसने इजरायल से दुश्मनी मोल ली? इस लेख में हम आपको हसन नसरल्लाह के जीवन, उसकी हिजबुल्लाह में भूमिका, और इजरायल के साथ उसकी दशकों लंबी दुश्मनी की कहानी बताएंगे।
हसन नसरल्लाह का जन्म और शुरुआती जीवन
31 अगस्त 1960 को लेबनान की राजधानी बेरूत के उत्तरी हिस्से बुर्ज हामुद में सैय्यद हसन नसरल्लाह का जन्म हुआ था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और उसके पिता एक दुकान चलाते थे ताकि परिवार का गुजारा हो सके। नसरल्लाह 8 भाई-बहनों में से एक था। गरीबी में पला-बढ़ा नसरल्लाह, धीरे-धीरे हिजबुल्लाह के साथ जुड़ गया और संगठन में उसका कद बढ़ता गया।
हिजबुल्लाह में नसरल्लाह का उदय
1992 में, जब हिजबुल्लाह के तत्कालीन चीफ सैय्यद अब्बास मुसावी की हत्या हो गई, तब नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का चीफ लीडर बनाया गया। नसरल्लाह ने ईरान के समर्थन से हिजबुल्लाह को मजबूत किया और उसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया। उसकी संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व ने हिजबुल्लाह को लेबनान में एक प्रमुख ताकत बना दिया, जो इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोलने से कभी पीछे नहीं हटा।
इजरायल से नसरल्लाह की दुश्मनी
नसरल्लाह की इजरायल से दुश्मनी 1975 में लेबनान में छिड़े गृहयुद्ध के दौरान शुरू हुई। वह लेबनानी क्षेत्र पर इजरायली कब्जे का विरोधी था और इसी कारण उसने इजरायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़ा। वह पहले एक शिया मिलिशिया संगठन का सदस्य था, लेकिन बाद में हिजबुल्लाह से जुड़ गया। नसरल्लाह की नेतृत्व क्षमता ने उसे हिजबुल्लाह का सबसे प्रमुख चेहरा बना दिया और उसने इजरायल के खिलाफ कई बड़े सैन्य अभियान चलाए।
इजरायल के खिलाफ संघर्ष
हिजबुल्लाह की स्थापना ही इजरायल के खिलाफ हुई थी, और नसरल्लाह इस संघर्ष का सबसे बड़ा नेता बन गया। 2018 के लेबनान संसदीय चुनाव में हिजबुल्लाह की बड़ी जीत ने लेबनान की राजनीति में उसकी मजबूत पकड़ को दर्शाया। नसरल्लाह का दावा था कि उसके पास 1 लाख से अधिक हिजबुल्लाह लड़ाकों की सेना है, जो इजरायल से लड़ने के लिए तैयार थी।
नसरल्लाह की मौत और इजरायल का हमला
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद, इजरायली सेना ने पलटवार किया। इस हमले के बाद नसरल्लाह ने इजरायल के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया। उसने गाजा में इजरायल के खिलाफ हमलों का समर्थन किया और अपनी ताकत का इस्तेमाल किया। हालांकि, इस बार नसरल्लाह अपने ठिकाने बदलने के बावजूद इजरायली सेना की नजरों से बच नहीं सका और आखिरकार वह इजरायली सेना के एक हमले में मारा गया।
हसन नसरल्लाह के 4 बेटे भी हिजबुल्लाह से जुड़े थे, जिनमें से उसका सबसे बड़ा बेटा 1997 में एक इजरायली हमले में मारा गया था। नसरल्लाह की मौत ने हिजबुल्लाह के संघर्ष और लेबनान की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है, लेकिन उसकी दुश्मनी की कहानी इजरायल के साथ वर्षों से चली आ रही थी।