उज्जैन में 2-3 दिन रुकने का था विकास दुबे का प्लान, महाकाल मंदिर पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर ने दी जानकारी
- विकास दुबे को उज्जैन घुमाने वाला ऑटो ड्राइवर आया सामने
- विकास दुबे की उज्जैन में थी 2-3 दिन रुकने की योजना
- राजस्थान के झालावाड़ से आई बस से उज्जैन पहुंचा था गैंगस्टर
- शुक्रवार को पुलिस एनकाउंटर में हुई विकास दुबे की मौत
उज्जैन।
पिछले शुक्रवार को कानपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे (gangster vikas dubey) उज्जैन में दो-तीन दिन रुकने का प्लान बनाकर आया था। यह जानकारी दुबे को महाकाल मंदिर तक पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर बंटी (auto driver bunty) ने दी है जिसे पुलिस ने करीब 24 घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ा। हालांकि, दुबे की योजना सफल नहीं हो पाई क्योंकि एनकाउंटर (vikas dubey encounter) से एक दिन पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था।
ऑटो ड्राइवर बंटी (auto driver bunty) ने विकास दुबे की ऑटो में यात्रा को लेकर पूरी जानकारी दी है। बंटी ने बताया कि विकास सुबह 3.55 बजे राजस्थान से आई बाबू ट्रैवल्स की बस से उतरा था। देवास गेट बस स्टैंड पर झालावाड़ से आई इस बस से चार पैसेंजर उतरे थे। इनमें से एक उसके पास सवारी के रूप में आया। वह विकास दुबे निकला।
दुबे ने ऑटो ड्राइवर (auto driver ferried vikas dubey) से महाकाल मंदिर जाने के बारे में बात की। बंटी ने 50 रुपये भाड़ा बताया। दुबे ने भाड़े कोो लेकर कोई हील-हुज्जत नहीं की। बंटी ने फिर उसे मंदिर छोड़ दिया। ड्राइवर ने बताया कि उसे उसके विकास दुबे होने का आभास नहीं हुआ।
दुबे ने बंटी से 2-3 दिन रुकने की व्यवस्था के बारे में पूछा और महाकाल मंदिर जाने की बात कही। बंटी ने उसे बताया कि पहचान पत्र होने पर ही वह होटल में रुक सकता है। दुबे ने बताया कि पहचान पत्र की फोटोकॉपी उसके पास है। बंटी उसे लेकर अनमोल पैलेस भी गया था।
यूपी के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे की गुरुवार को उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उसे यूपी एसटीएफ के हवाले किया गया था। एसटीएफ उसे लेकर जा रही थी, लेकिन रास्ते में गाड़ी पलटने के बाद उसने भागने की कोशिश की और एनकाउंटर में मारा गया।