वसुंधरा राजे, संजय जोशी या फिर शिवराज कौन बनेगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष?

वसुंधरा राजे, संजय जोशी या फिर शिवराज कौन बनेगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष?
वसुंधरा राजे, संजय जोशी या फिर शिवराज कौन बनेगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष

न्यूज डेस्क: वसुंधरा राजे, संजय जोशी और शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में आगे बने हुए है। बताया जा रहा है कि ये तीनों ही नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए संघ की पसंद है। हालांकि सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार वसुंधरा राजे थोड़ी बढ़त बनाए हुए है।

हालांकि यह बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज सिंह चौहान के नाम को आगे किया है। लेकिन संघ तीनों ही नामों पर विचार कर रहा है। पार्टी की ओर से फैसला क्या होगा? खैर अभी यह देखने वाली बात है।

संजय जोशी के बारे में

संजय विनायक जोशी भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ कार्यकर्ता है। वे गुजरात भाजपा के लंबे समय तक सदस्य रहे और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के रूप में अपने 2001-2005 के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उस संगठन का नेतृत्व किया जिसने भाजपा को नौ राज्यों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और मध्य प्रदेश) में विधानसभा चुनाव जीतने में सक्षम बनाया था।

जोशी वीएनआईटी, नागपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर थे, लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में पूर्णकालिक प्रचारक बनने के लिए इस्तीफा दे दिया था। उनके संगठनात्मक कौशल को देखते हुए, उन्हें 1988 में गुजरात में भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया, जहाँ पार्टी राजनीतिक रूप से कमजोर थी। उन्हें जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ अच्छे तालमेल के लिए जाना जाता है।

जोशी गुजरात में भाजपा की राजनीति में एक अग्रणी व्यक्ति बन गए थे। 1988 से 1995 तक उन्होंने गुजरात भाजपा के सचिव के रूप में नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया।

नरेंद्र मोदी के साथ झगड़ा

शंकर सिंह वाघेला के विद्रोह के बाद मोदी को बाहर कर दिया गया और 1998 के बाद के चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की। ​​जोशी गुजरात में भाजपा के महासचिव बने। कहा जाता है कि मोदी को लगता है कि गुजरात से उनके निष्कासन में संजय जोशी का हाथ था।

2001 में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने केशुभाई पटेल को हटाकर मोदी को मुख्यमंत्री बनने की अनुमति दे दी। तब से जोशी मोदी की कई गतिविधियों का केंद्र रहे हैं।

भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा

यह कहा जाता है कि मई 2012 में मोदी ने भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष गडकरी को फोन किया था, और जोशी को भाजपा से हटाए जाने तक भाजपा की राष्ट्रीय बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी थी। जोशी को भाजपा कार्यकारिणी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, और दो घंटे के भीतर, मोदी ने भाजपा की बैठक में भाग लेने के अपने फैसले की घोषणा की थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जोशी के साथ इस व्यवहार पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

प्रधानमंत्री से अदावत जोशी के अध्यक्ष बनने में बाधक हो सकती है।

वसुंधरा राजे के बारे में

वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही चुकी हैं। साल 2003 से 2008 तक और साल 2013 से 2018 तक वह राजस्थान की सीएम रहीं। केंद्र में भी वसुंधरा राजे ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, फिलहाल वह बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर हैं। ऐसे में अगर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो वसुंधरा राजे का यहां पर प्रमोशन होगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से वह अध्यक्ष बनेंगी। वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही हैं।झालावाड़ जिले की झालरापाटन विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित होती आ रही हैं। साल 2023 में भी वह विधायक निर्वाचित हुई हैं। वसुंधरा राजे 5 बार लोकसभा सांसद बन चुकी हैं। 1985 से वह सक्रिय राजनीति में हैं। बता दें कि 8 मार्च 1953 का वसुंधरा राजे का जन्म था। वह राजमाता विजया राजे सिंधिया की वह बेटी हैं। उनके बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं।

शिवराज चौहान के बारे में

शिवराज सिंह चौहान भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्‍त की। सन् 1975 में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल (मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल) के छात्रसंघ अध्यक्ष बनें। आपातकाल का विरोध किया और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल गए। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं।

मुख्‍यमंत्री के रूप में

भाजपा के अनेक दायित्वों पर रहते हुए चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। चौहान को पहली बार 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शिवराज सिंह जी मध्‍यप्रदेश मे सबसे लम्‍बे समय तक मुख्‍यमंत्री के रूप मे कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्‍यमंत्री है।

 


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