उत्तम शुगर की शेरमउ इकाई नये सत्र के उदघाटन चंद घंटे बाद बंद

उत्तम शुगर की शेरमउ इकाई नये सत्र के उदघाटन चंद घंटे बाद बंद

ट्रांसफार्मर फुंकने को बताया जा रहा है मिल बंदी का कारण

मिल बंद होने से क्षेत्र का गन्ना किसान परेशान

नकुड [इंद्रेश]। सिर मुडवाते ही ओले पडे, जी हां, यह उक्ति उत्तम शुगर मिल की शेरमउ इकाई पर बिल्कुल सटीक बैठती है। गुरूवार को मिल के नये सत्र का उदघाटन होने के चंद घंटे बाद ही मिल कथित तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गयी। जिससे जंहा मिल प्रबंधन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है वंही गेंहु बोने की के लिये गन्ने की फसल से जमीन खाली होने की आशा कर रहे क्षेत्र के किसान भी मायुस हो गये है।

उत्तम शुगन मिल के नये सत्र का गुरूवार को ही पूरे जाश खरोस के साथ उदघाटन किया गया था। पहले नया सत्र चलाने के लिये सात नंवबर का समय रखा गया। पंरतु फिर उसे बढाकर दस नवंबर कर दिया गया। चीनी मिलो का नया सत्र शुरू करने के लिये शासन प्रशासन का भी दबाव था। ताकि गन्ना किसानो को राहत दी जा सके। जिसके चलते सहकारी क्षेत्र. की अधिकांश मिलो ने पहले ही अपना सत्र शुरू कर दिया था। पंरतु शेरमउ शुगर मिल प्रबंधन मनमानी कर सत्र का टालता रहा।

दस नवबंर को मिल चलने के बाद किसानो उम्मीद बंधी थी कि अब उनका गन्ना मिल मे जाना शुरू हो जायेगा। जिससे गेंहु की फसल के लिये गन्ना कटने के बाद खेत खाली हो सकेगे। पंरतु किसानो की आशा पर उस समय वज्राघात हो गया जब उदघाटन के चंद घंटे बाद ही शाम सात बजे के करीब मिल प्रबंधन ने मिल बंदी की घोषणा कर गन्ना लेने से इंकार कर दिया। मिल मे गन्ना लेकर आ रहे किसानो को बीच रास्ते से वापस कर दिया गया। गन्ना किसानो को मोबाईल पर मैसेज सेंड कर उन्हे मिल मे गन्ना न लाने के लिये कहा गया। अचानक मिल बंदी की सूचना मिलने से गन्ना किसान परेशान हेा गये।

सुबह मिल मे जाकर अधिकारियो से मिल बंदी का कारण पूछने पर किसानो केा बताया गया कि मिल की मोटरो को विद्युत सप्लाई करने वाला ट्रांसफार्मर फुंक गया है। जिसे बदलने मे दो से चार दिनो का समय लगेगा। मिल बंद होने से किसानो को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। गन्ना सप्लाई की पर्ची आने के बाद गन्ने की छिलाई करने वाले किसानो का गन्ना खेतो मे सूख रहा है। गंेहु की बुआई लेट हो रही है। मिल लेट चलने से परेशान गन्ना किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे है।

भाकियु नेता रानीपुर निवासी किसान देवी सिंह ने कहा कि मिल के चलते ही ट्रांसर्फामर फुंकना शुभ संकेत नंही है। मिल प्रबंधन छःमाह तक क्या करता रहा। अघ्याना निवासी किसान भानेश त्यागी ने कहा कि मिल प्रबंधन जानबूझकर मिल के सत्र मे देरी कर रहा है। छाप्पर निवासी किसान राजपालसिंह ने कहा कि यह उदघाटन के तुरंत बाद मिल बंदी का मतलब सिर मुंडवाते ही ओले पड गये।