उद्धव ठाकरे होंगे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री, आज हो सकता है औपचारिक एलान

उद्धव ठाकरे होंगे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री, आज हो सकता है औपचारिक एलान

खास बातें

  • एनसीपी प्रमुख पवार ने बैठक के बाद किया एलान, तीनों दलों के नेता एक साथ बैठे
  • रविवार या सोमवार को राज्यपाल से मिलकर कर सकते हैं सरकार बनाने का दावा
  • दो घंटे से ज्यादा चली बैठक में सरकार गठन, विभागों के बंटवारे आदि पर हुई चर्चा
  • तीनों दलों के बीच विभागों के बटवांरे पर बनी बात, विधानसभा अध्यक्ष पर गतिरोध

महाराष्ट्र में करीब एक महीने बाद सरकार गठन को लेकर स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है। राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार का बनना तय हो गया है। इसका औपचारिक एलान शनिवार को किया जा सकता है, जबकि सरकार बनाने का दावा रविवार या सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात कर पेश किया जा सकता है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उनके नाम पर सहमति तीनों दलों के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को एक साथ हुई बैठक में बनी।

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मुंबई के नेहरू सेंटर में तीन दलों के वरिष्ठ नेताओं की करीब दो घंटे से अधिक वक्त तक चली बैठक में सरकार गठन, विभागों के बंटवारे आदि पर चर्चा हुई। बैठक के बाद बाहर निकले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बैठक में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। हमारी पहली प्राथमिकता है कि सरकार पूरे पांच साल तक चले। सरकार के नेतृत्व को लेकर भी बात हुई और उद्धव ठाकरे के नाम पर तीनों दलों में सहमति बन गई है।

कहा जा रहा है कि पांच साल तक उद्धव ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर अभी बात हो रही है। इसको लेकर शनिवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थिति साफ की जाएगी। वहीं उद्धव ने कहा कि बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई। हम नहीं चाहते कि तीनों पार्टियों के बीच किसी भी मुद्दे पर बाद में कोई गतिरोध हो। हालांकि उन्होंने सीएम पद को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

वहीं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बयान से सीएम पद को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का नाम उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि तीनों दलों के बीच अभी कई मुद्दों पर चर्चा होना बाकी है। इस बीच एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि किसी भी सरकार को चलाने के लिए एक चेहरा चाहिए और एनसीपी की तरफ से उद्धव ठाकरे के नाम पर पूरी सहमति है। उद्धव एनसीपी की पहली पसंद हैं।

विधानसभा अध्यक्ष पर गतिरोध, विभागों पर बनी बात

सूत्रों का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष पद किसे मिले, इसे लेकर अभी तीनों दलों में आमराय नहीं बन सकी है। इसके अलावा शिवसेना के खाते में सीएम पद समेत 16 विभाग आ सकते हैं। इसमें 11 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री जबकि एनसीपी के पाले में उपमुख्यमंत्री पद समेत 15 मंत्रालय होंगे, जिनमें 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री आ सकते हैं। इसी तरह कांग्रेस को 12 मंत्रालय, जिनमें 9 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री मिल सकते हैं। कांग्रेस उपमुख्यमंत्री का पद भी चाह रही है।

पार्टी विधायकों से बोले उद्धव

कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की नौबत भाजपा की वजह से आई है। भाजपा ने बाला साहेब को वचन दिया था कि शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनेगा। उसने अपना वादा तोड़ा है। दोबारा चुनाव न हो, इसलिए हमें यह फैसला लेना पड़ा।
– उद्धव ठाकरे
नहीं सफल होगा प्रयोग : गडकरी
तीनों दल सत्ता की खातिर एक साथ आ रहे हैं। तीनों दलों का गठबंधन अवसरवादी है। इनमें वैचारिक समानता नहीं है। विपरीत विचारधाराओं वाले ये दल भले ही मिलकर सरकार बना लें लेकिन यह सरकार छह से आठ महीने से ज्यादा समय नहीं चलेगी। देश में पहले भी ऐसे कई प्रयोग बुरी तरह से नाकाम रहे हैं।
– नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री

कुछ ऐसी है विधानसभा की स्थिति

कुल सीट 288
भाजपा 105
शिवसेना 56
एनसीपी 54
कांग्रेस 44
अन्य 29

तीनों दलों के गठबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार गठन की कोशिशों के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें चुनाव परिणाम के बाद बनने वाले गठबंधन को नापाक बताकर राज्यपाल से निर्देश देने की अपील की गई है कि वह इस गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता न दें। याचिका सुरेंद्र इंद्र बहादुर सिंह ने दायर की है। याचिका में भारत सरकार सहित महाराष्ट्र की तमाम पार्टियों को प्रतिवादी बनाया है। साथ ही याचिका में कहा गया है कि एसआर बोम्मई मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ‘राजनीतिक पार्टी/पार्टियों के समूह’ के भाव स्पष्ट करने की जरूरत है।
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