Train Accident in Orissa: मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 238 हुआ, आजाद भारत के सबसे बड़े हादसों में से एक

Train Accident in Orissa: मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 238 हुआ, आजाद भारत के सबसे बड़े हादसों में से एक

Train Accident in Orissa

ओडिशा में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों का आंकड़ा 238 हो गया है। वहीं 900 के करीब लोग घायल हैं। हादसे की गंभीरता को देखते हुए युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चल रहे हैं और सेना को भी बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। भारतीय सेना के कर्नल एसके दत्ता ने बताया कि सेना बीती रात से ही राहत और बचाव कार्यों में जुटी है और कोलकाता से और सैन्यकर्मियों को बुलाया गया है।

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी घटनास्थल पहुंच चुके हैं। वहीं हादसे के बाद हावड़ा जाने वाली 42 ट्रेनें रद्द हो गई हैं। वहीं कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया घटना स्थल का दौरा

तमिलनाडु में डीएमके के संस्थापक और राज्य के पूर्व सीएम एम करुणानिधि की आज 100वीं जयंती है। इसे लेकर डीएमके ने कई कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई थी लेकिन रेल हादसे की वजह से शनिवार को इन कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है।

हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेल की कई बोगियां बुरी तरह से तबाह हो गई हैं। अभी भी दुर्घटनाग्रस्त बोगियों में राहत और बचाव कार्य चल रहा है।

बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी हादसे की शिकार हुईं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।

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दुर्घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य अभी भी चल रहे हैं। सभी नजदीकी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की छह टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें, रैपिड एक्शन फोर्स की टीमें, 15 फायर विभाग की टीमें, 30 डॉक्टर, 200 पुलिसकर्मी और 60 के करीब एंबुलेंस घटनास्थल पर मौजूद हैं।

रेल मंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के लिए 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो लाख रुपए और अन्य घायलों के लिए 50 हजार रुपए के मुआवजे का एलान किया है। वहीं पीएम मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए पीएम नेशनल रिलीफ फंड से मृतकों को दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है।

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हादसे के चलते खड़गपुर डिवीजन के हावड़ा-चेन्नई रूट से गुजरने वाली 18 लंबी दूरी की ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं। हादसे के चलते ओडिशा और तमिलनाडु में एक-एक दिन के शोक का एलान किया गया है। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन, शिव शंकर और अनबिल महेश भी ओडिशा में घटनास्थल का दौरा करने के लिए रवाना हो गए हैं।

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम हादसे की जानकारी के लिए ओडिशा जा रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात की है। घटनास्थल पहुंचने के बाद ही मैं कोई जानकारी दे पाऊंगा। तमिलनाडु में भी स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार कर दिया गया है।

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हादसे के बाद बालासोर में अस्पतालों के बाहर लोगों की भारी भीड़ है। काफी संख्या में लोग रक्त दान के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। साथ ही राहत और बचाव कार्यों में भी स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं। सेना भी राहत कार्यों में जुटी है।

घटनास्थल पहुंचे रेलमंत्री ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। साथ ही रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर भी घटनास्थल का दौरा कर अपनी रिपोर्ट देंगे। रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि फिलहाल उनका फोकस राहत और बचाव कार्यों पर है।

भारत के सबसे घातक रेल हादसों में से एक

आजादी के बाद से यह अबतक की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक है। इससे पहले कब-कब ऐसी दुर्घटनाएं देखने को मिली है, इसपर एक नजर डालते हैं।

06 जून 1981: यह वह दिन था जब बिहार को सबसे घातक ट्रेन दुर्घटना का सामना करना पड़ा था। ब्रिज को पार करते हुए ट्रेन बागमती नदी में जा गिरी थी। इस हादसे में 750 लोगों की मौत हो गई थी।

20 अगस्त 1995: फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी हुई कालिंदी एक्सप्रेस से टकरी गई। इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 305 के करीब थी।

26 नवंबर 1998: पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकरा गई। इस हादसे में 212 लोग मारे गए थे।

02 अगस्त 1999: ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई, जिसमें 285 लोग मारे गए और 300 के करीब घायल हुए थे।

20 नवंबर 2016: पुखरायन में इंदौर राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने की वजह से घातक हादसा हुआ, जिसमें 152 लोगों की मौत और 260 घायल हुए थे।

09 नवंबर 2002: रफिगंज के धावे नदी के ऊपर बने ब्रीज में हावड़ा-राजधानी एक्सप्रेस पलट गई, जिसमें 140 लोग मारे गए थे।

23 दिसंबर 1964: रामेश्वरम में चक्रवात में पंबन धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन के बह जाने की वजह से 126 यात्री मारे गए थे।

28 मई 2010: मुंबई जा रही ट्रेन झारग्राम के पास पटरी से उतर गई थी और सामने से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 148 यात्री मारे गए थे।

 

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