तीस हजारी बवाल: पुलिसकर्मियों का धरना-प्रदर्शन खत्म, अफसरों ने दिया इंसाफ का भरोसा

तीस हजारी बवाल: पुलिसकर्मियों का धरना-प्रदर्शन खत्म, अफसरों ने दिया इंसाफ का भरोसा

खास बातें

  • दिल्ली मुख्यालय पर पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन, वकील से झड़प मामले में कार्रवाई की मांग
  • पुलिस आयुक्त ने कहा, हमारे लिए परीक्षा और अपेक्षा की घड़ी
  • पुलिस आयुक्त ने सभी पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने की अपील की, बोले- हम कानून के रखवाले हैं
  • कांग्रेस का तंज- क्या यही भाजपा का न्यू इंडिया है, मोदी हैं तो मुमकिन है
  • ज्वाइंट सीपी राजेश खुराना भी समझाने में हुए नाकाम, ‘गो बैक’ के लगाए नारे

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर बीते शनिवार (2 नवंबर) को पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में दिल्ली पुलिस के जवान लगभग साढ़े सात घंटे से प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते तीन दिनों से जहां देशभर में वकील इस घटना का विरोध कर रहे थे, वहीं आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं। जानिए अबतक का अपडेट- 

अधिकारियों के प्रयास से पुलिसकर्मियों का धरना-प्रदर्शन खत्म। आईटीओ पर खुलवाया गया जाम। अफसरों ने दिया पुलिसकर्मियों को इंसाफ का भरोसा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल जाएगी। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने पुलिसकर्मियों के नाम ऑडियो संदेश भी दिया।

विशेष पुलिस आयुक्त की अपील

स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलचा ने कहा- घायल पुलिसवालों का इलाज दिल्ली पुलिस करेगी। घायल पुलिसकर्मियों को 25 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा। ज्यादातर मांगों पर कार्रवाई हो चुकी है। आप धरना खत्म करें, घर लौट जाएं।

पुलिसकर्मी हटने को तैयार नहीं

लेकिन पुलिसकर्मियों का कहना है कि वह सभी मांगे माने जाने तक यहां से नहीं जाएंगे। प्रदर्शनकारी निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल करने की मांग पर अड़े हैं। पुलिस अधिकारी इन्हें मनाने में जुटे हैं।

एलजी अनिल बैजल ने भी दिया भरोसा

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि घायल पुलिसकर्मियों और वकीलों का बेहतरीन इलाज कराया जाएगा। घायलों को मुआवजा भी दिया जाएगा।

ज्वाइंट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने दिया आश्वासन

ज्वाइंट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा- आपकी सभी मांगों को माना जाएगा। घायल पुलिसकर्मियों का ध्यान रखा जाएगा और रखा जा रहा है, उनका सर्वोत्तम इलाज चल रहा है। पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन पूरे भारत में होगी। ये सभी कदम आपके लिए उठाए जा रहे हैं। आपकी मांगों को माना जाएगा हम पर भरोसा रखें। ज्वाइंट सीपी की बात सुनने के बाद पुलिसवाले फिर से गो बैक के नारे लगाने लगे और उन्हें बोलने भी नहीं दिया।

दिल्ली पुलिस के एक जवान ने रखीं अपनी मांगें

  • पुलिस के आला अधिकारी कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका(रीविजन पीटिशन) दाखिल करे
  • वकील या जिन लोगों ने भी पुलिस को पीटा उनके खिलाफ उचित धाराओं में केस दर्ज हो
  • कोर्ट और दिल्ली सरकार के कहे अनुसार झड़प में घायल हमारे जवानों का इलाज भी उसी तरह से हो जैसे वकीलों का हो रहा है
  • पुलिस वेलफेयर यूनियन होनी चाहिए
  • अगर फिर कभी ऐसा होता है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो
  • आज जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं उनके खिलाफ बाद में कभी भी कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए
  • पुलिसवालों के लिए पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट बनें
  • अदालतों की सुरक्षा पूरी तरह हटाई जाए

ज्वाइंट सीपी के सामने लगे ‘गो बैक’ के नारे

ज्वाइंट सीपी राजेश खुराना भी प्रदर्शनकारियों को समझाने में नाकाम रहे। वह पुलिसवालों को अपनी ड्यूटी की याद दिला रहे थे तभी प्रदर्शनकारियों ने ‘हमें न्याय चाहिए’, ‘गो बैक’ और ‘मुद्दे की बात करो’ के नारे लगाने लगे। इस बीच माइक खराब होने से ज्वाइंट सीपी को वापस जाना पड़ा।  पुलिसवालों के परिजन पहुंच रहे इंडिया गेट, बढ़ाई गई सुरक्षा

पुलिसकर्मियों का एलान है कि कोई भी पुलिसकर्मी पुलिस मुख्यालय के बाद घर नहीं जाएगा। उनका कहना है कि उनके परिवार की महिलाएं और बच्चे भी इंडिया गेट पहुंच रहे हैं। इसी के तहत इंडिया और आसपास के इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पुलिस कमिश्नर पटनायक के समझाने का भी नहीं हुआ असर

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक नाराज पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से परीक्षा की घड़ी है लेकिन ये हमेशा से रही हैं। हमने तरह-तरह की परिस्थिति को हैंडल किया। परिस्थिति उस दिन के हिसाब से सुधर रही है। तो इस स्थिति को हम परीक्षा की तरह माने और जो जिम्मेदारी हमें दी गई है उसे हम संभाले और कानूनी की रखवाली करें।

हमारे लिए ये अपेक्षा की भी घड़ी है। हमसे सरकार और जनता अपेक्षा करती है और हमने उसे हमेशा पूरा किया वैसे आगे भी करें। ये हमारे लिए प्रतीक्षा की भी घड़ी है। प्रतीक्षा की घड़ी इसलिए भी कि हाईकोर्ट ने जो जांच कमेटी बैठाई है वह न्याय करेगी।

उन्होंने प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों से ड्यूटी पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली पुलिस को  उनके पूरे भाषण के दौरान जबरदस्त नारेबाजी जारी रही। पुलिसवालों ने नारेबाजी की कि, पुलिस कमिश्नर कैसा हो किरण बेदी जैसा हो। इन नारों के बीच पुलिस कमिश्नर को वापस लौटना पड़ा।

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के इतिहास में इस तरह का प्रदर्शन पहली बार हो रहा है। इसी पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ’72 साल में पहली बार – पुलिस प्रदर्शन पर! क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’? देश को कहां और ले जाएगी भाजपा? कहां गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है!’

72 साल में पहली बार – पुलिस प्रदर्शन पर!

क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’?

देश को कहाँ और ले जाएगी भाजपा?

कहाँ गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह?

मोदी है तो ही ये मुमकिन है!!! pic.twitter.com/SXNNF6vcYI

— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 5, 2019

डीसीपी ईश सिंघल भी नहीं दिला सके भरोसा

इस बीच सड़क पर उतरे पुलिसकर्मियों को समझाने के लिए आला अधिकारी डीसीपी ईश सिंघल उनके बीच पहुंचे और कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी बात मानने के बजाय, ‘हमें न्याय चाहिए'(वी वांट जस्टिस) के नारे लगाए।

ईश सिंघल ने उनसे कहा कि आप लोगों की मंशा जायज है, आपका आना विफल नहीं जाएगा, हमलोग बैठकर बात करेंगे। यह सुनते ही प्रदर्शनरत पुलिसवाले शोर मचाने लगे।

फिर अधिकारियों ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की और आगे कहा कि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। यदि हम सड़क पर इस मुद्दे को हाइलाइट करने की कोशिश करेंगे तो फायदा किसका होगा। उन्होंने ये भी विश्वास दिलाया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लगाई वकीलों को फटकार

दिल्ली के अलग-अलग बार काउंसिल को खत लिखकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने फटकार लगाई है कि आप जल्द अपनी हड़ताल खत्म करें। आज शाम पांच बजे तक अपनी हड़ताल पर फैसला कर लें।

दिल्ली पुलिस के जवान इस समय काली पट्टी बांधकर मुख्यालय के बाहर जुटे हैं और अपने लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम भी वर्दी के पीछे एक इंसान हैं, हमारा भी परिवार है। हमारी पीड़ा कोई क्यों नहीं समझता।

पुलिसवालों का सवाल है कि मानवाधिकार हमारे लिए नहीं है क्या। हमें कोई भी मारता-पीटता रहे और हम शांत रहें। हमें इंसाफ चाहिए और अगर पुलिस कमिश्नर हमारी बात नहीं सुनते तो हम गृहमंत्रालय तक जाएंगे। वहां तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे।

दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
वहीं दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक तथ्यात्मक रिपोर्ट है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने शनिवार की घटना की परिस्थितियों और उसके बाद की गई कार्रवाई का विवरण दिया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में शनिवार के बाद हुई घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है, जैसे सोमवार को हुई एक घटना, जिसमें वकीलों के एक समूह ने साकेत कोर्ट के बाहर ए पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की।

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