प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को कृषि निवेश अनुदान के लिए 104.32 करोड़ रूपये दिये

प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को कृषि निवेश अनुदान के लिए 104.32 करोड़ रूपये दिये
  • प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जनपदों के कृषकों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किये जाने के लिए 104.32 करोड़ रूपये दिये है। सरकार द्वारा दिये गये इस धनराशि से कृषक रबी फसल की बुआई कर पैदावार को बढ़ाते हुए खरीफ में क्षतिग्रस्त हुई फसल की भरपाई कर लेगें। प्रदेश सरकार कृषकों हर तरह की सुविधा दे रही है। रबी फसल बुआई का सीजन आ गया है। जिन जनपदों के किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है, उनके लिए दी जा रही यह धनराशि फसलोत्पादन में बड़ी सहायक होगी।

सहारनपुर [24CN] : प्रदेश में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव के कार्य युद्ध स्तर पर किये गये। मुख्यमंत्री जी ने इस वर्ष आई बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित जनपदों को राहत कार्यो हेतु 40.13 करोड़ की धनराशि पूर्व में ही आवंटित कर दी थी। बाढ़ के दौरान 1.90 लाख राशन किटो का वितरण करते हुए प्रभावित क्षेत्रों को खाद्यान्न राहत पहुंचाई गई। उसी तरह लोगों को धूप, वर्षा, ओस से बचाव के लिए 3.58 लाख मीटर तिरपाल का वितरण किया गया। बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों को रहने के लिए 384 आश्रय स्थल एवं पशुओं के लिए 567 पशु शिविर की स्थापना की गई। बाढ़ क्षेत्र के 7.76 लाख पशुओं का टीकाकरण भी किया गया

। बाढ़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों की टीम लगातार स्वास्थ्य सेवाये प्रदान करती रही। प्रदेश सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित जिलांे में 12 एन0डी0 आर0 एफ0 की टीम, 07 एस0डी0 आर0 एफ0 की टीमों सहित 09 पी0ए0सी0 बाढ़ कम्पनियाँ भेजकर बाढ़ प्रभावितों की खोज राहत और बचाव के लिए तैनात की थी। प्रदेश सरकार की शीघ्र और त्वरित कार्यवाही से बाढ़ क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को काफी राहत मिली।

ज्ञातव्य है कि इस वर्ष प्रदेश के जनपद बहराइच, कुशीनगर, बलिया, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, अम्बडेकर नगर, बस्ती, पीलीभीत अयोध्या, आजमगढ़, देवरिया संतकबीर, सिद्धार्थनगर फर्रूखाबाद, गोरखपुर, मऊ, गोण्डा, तथा बलरामपुर, की ़ लगभग 8.84 लाख आबादी एवं लगभग 92 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल बाढ़ से प्रभावित हुआ था। मुख्यमंत्री जी के निर्देश है कि गाटावार सर्वे सम्बन्धित जिलाधिकारी कराये और यह भी सुनिश्चित करे कि कोई भी प्रभावित किसान छूटने न पाये। सरकार ने पारदर्शिता बनाये रखने के लिए जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान हेतु धनराशि वितरित कराने के निर्देश दिये है।