सीएएए के विरोध में चल रहा महिलाओं का धरना चार अप्रैल तक स्थगित
देवबंद: सीएएए एनपीआर व संभावित एनआरसी के विरोध में ईदगाह मैदान में 27 जनवरी से चल रहा महिलाओं का धरना प्रदर्शन जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और प्रशासन की अपील के बाद चार अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। महिलाओं ने अधिकारियों को चेताया कि धरना स्थल पर उनके बुर्के व चूडिया रहेंगी, यदि पंडाल आदि क्षतिग्रस्त किया गया तो तो फिर से धरना शुरू कर दिया जाएगा।
मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी के बैनर तले पिछले 57 दिनों तक ईदगाह मैदान में सीएए के खिलाफ महिलाओं का धरना प्रदर्शन चला। धरना हटाने को प्रशासन ने शुरूआत में सख्ती दिखाई लेकिन महिलाएं नहीं मानी। बाद में कई बार वार्ताओं का दौर भी चला लेकिन महिलाएं टस से मस नहीं हुई। इस मामले में प्रशासन ने पूर्व विधायक माविया अली और उनके पुत्र हैदर अली समेत दर्जनों लोगों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए। मूसलाधार बारिश, आंधी.तूफान और ओलावृष्टि में भी महिलाएं धरने पर डटी रहीं और लगातार धरना स्थल पर भीड़ जुटी रही। हालांकि कोरोना के चलते कमेटी ने पिछले दो दिनों से धरने को सीमित कर दिया था और पंडाल में तख्त बिछाकर महिलाएं एक.दूसरे से दूरी बनाकर बैठी थीं।
सोमवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते महिलाओं से फिलहाल धरना स्थगित करने की अपील की। साथ ही देर शाम एसपी देहात विद्यासागर मिश्र व एसडीएम देवेंद्र पांडेय ईदगाह मैदान पहुंचे और महिलाओं से धरना समाप्त करने की भावनात्मक अपील की।
कमेटी अध्यक्षा आमना रोशी समेत अन्य महिलाओं ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि वह चार अप्रैल तक धरना स्थगित रखेंगी। साथ ही एक ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा। जिसमें कहा गया कि पंडाल में महिलाएं अपने बुर्के व चूडिया रखकर जाएंगी। यदि इन्हें हटाने या फिर पंडाल को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया तो वह फिर से धरना शुरू कर देंगी।