विपक्ष ने ‘तेवर’ तो सत्तापक्ष ने ‘रियायत’ के तीर से साधे राजनीतिक निशाने, TMC ने पकड़ी अलग राह

विपक्ष ने ‘तेवर’ तो सत्तापक्ष ने ‘रियायत’ के तीर से साधे राजनीतिक निशाने, TMC ने पकड़ी अलग राह
नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में दर्जनों श्रद्धालुओं की मृत्यु तथा राजधानी दिल्ली के चुनावी पारे के उफान के बीच लोकसभा में पेश हुए आम बजट के मौके पर पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी सियासत का साधने का संदेश देने से कोई गुरेज नहीं किया।दिल्ली चुनाव के लिहाज से अहम आयकर में छूट तो साल के अंत में बिहार की चुनावी जंग के मद्देनजर वहां के लिए कुछ विशेष घोषणाओं के जरिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सत्तापक्ष की सियासत को सींचने का दांव चलते हुए भाजपा-एनडीए के साथियों की तालियां बटोरी।

विपक्ष ने नहीं छोड़ा सत्तापक्ष को घेरने का मौका

वहीं विपक्ष ने बजट पेशी से पहले महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों की सूची जारी नहीं किए जाने के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए बजट भाषण से वॉकआउट कर सत्तापक्ष को घेरने का मौका नहीं छोड़ा। पक्ष-प्रतिपक्ष के इस दांव के बीच विपक्षी खेमे की एक प्रमुख पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अपनी सियासत के अलग रंग दिखाए और विपक्ष के वॉकआउट में भागीदार नहीं बनी।

महाकुंभ भगदड़ को उठाना चाहता विपक्ष

लोकसभा में दोनों पक्षों के सियासी दांव सदन चलने से करीब दो मिनट पहले ही शुरू हो गए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रवेश करते ही भाजपा सदस्यों ने भारत माता की जय और मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया। विपक्षी बेंच से कांग्रेस और सपा सदस्यों ने इस पर जय संविधान के जवाबी नारे लगाए गए। स्पीकर ओम बिरला के आसन पर आते ही विपक्षी सदस्यों ने महाकुंभ भगदड़ के मुद्दे को उठाने की इजाजत मांगी।

विपक्षी सांसदों ने की नारेबाजी

कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल से लेकर तमाम सदस्य तो अखिलेश यादव समेत सपा के सांसद भी अपनी सीटों पर खड़े होकर कुंभ भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं की सूची जारी नहीं होने का मामला उठाते हुए सदन में बोलने देने की मांग की।

स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों की मांग खारिज करते हुए वित्तमंत्री को बजट पेश करने की अनुमति दे दी। इस पर तृणमूल कांग्रेस को छोड़ विपक्ष के सभी सांसद अपनी सीटों पर खड़े होकर कुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं के नाम और संख्या बताने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।

स्पीकर ने ठुकराई मांग

करीब पांच मिनट तक सीटों पर खड़े नारेबाजी करने के बाद सपा के सदस्य वेल में पहुंच गए। मगर स्पीकर ने महाकुंभ हादसे पर बोलने की विपक्ष की मांग ठुकरा दी। इसके बाद नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, एनसीपी एसपी, शिवसेना यूबीटी समेत तृणमूल कांग्रेस को छोड़ आईएनडीआईए गठबंधन के सभी दलों ने वित्तमंत्री के बजट भाषण का बहिष्कार करते हुए लोकसभा से वॉकआउट किया।

कुछ देर बाद ही सदन में लौटे

वॉकआउट के जरिए विरोध दर्ज कराने के कुछ मिनटों बाद राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी सांसद वित्तमंत्री का बजट सुनने सदन में वापस लौट आए। हालांकि बीच-बीच में जब सत्तापक्ष वित्तमंत्री की घोषणाओं पर मेजें थपथपाता था तो विपक्षी बेंच से महाकुंभ में मारे गए लोगों की सूची जारी करने की आवाजें उठाई जाती रहीं।

बिहार पर दिखी सरगर्मी

वित्तमंत्री ने आईपैड पर भाषण पढ़ते हुए बजट के पेशेवर रंग में रंगे होने का संदेश देने की कोशिश की। शायद इसीलिए टैक्स छूट की घोषणा से पहले भूमिका बनाने के लिए प्राचीन तमिल विद्वान थिरूकुरल की एक पंक्ति के उल्लेख के अलावा शेरो-शायरी या कविता की एक भी पंक्ति बजट भाषण में शामिल नहीं की थी।वित्तमंत्री की बिहार से जुड़ी कुछ घोषणाओं और टैक्स छूट में राहत के एलान पर ही सदन में सरगर्मी दिखी अन्यथा पक्ष-विपक्ष लगभग तटस्थ भाव से भाषण सुनते नजर आए।

अखिलेश बोले- यूपी को भी कुछ मिल जाए

ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट से लेकर मखाना बोर्ड जैसी बिहार से जुड़ी घोषणाएं हुई तो दोनों खेमों से प्रतिक्रिया आयी। इस दौरान अखिलेश यादव यह कहते हुए सुने गए कि उत्तरप्रदेश को भी कुछ मिल जाए। भाषण के आखिर में वित्तमंत्री ने जब आयकर टैक्स छूट की घेाषणा की तो सत्तापक्ष के उत्साह के सुर शिखर पर पहुंच गए और मेजों की थपथपाहट का दौर ऐसा चला कि सीतारमण को कुछ सेंकेड तक अपने संबोधन को विराम देना पड़ा।


विडियों समाचार