नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को एक बार फिर आड़े हाथ लिया है। खरगे ने नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने पर बार-बार मर्यादा लांघने का आरोप लगाया।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी पहले से ही पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रही है।

प्रतीकवाद तक सिमटा राष्ट्रपति कार्यालय

खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस के विचारों के अनुसार भाजपा सरकार ने भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय को प्रतीकवाद तक सीमित कर दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने केवल चुनावी कारणों से भारत के राष्ट्रपति का चुनाव दलित और आदिवासी समुदायों से किया है।

खरगे ने कहा- राष्ट्रपति मुर्मु भारत की पहली नागरिक हैं। उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।” पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को नए संसद शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है।

विपक्ष ने जताई आपत्ति

कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने बार-बार मर्यादा का अपमान किया है। भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय भाजपा-आरएसएस सरकार के तहत प्रतीकवाद तक सिमट गया है।

कई विपक्षी नेताओं ने भी इस बात की अपील की है कि राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री के बजाय नए संसद भवन भवन का उद्घाटन करना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जिन्हें अध्यक्ष द्वारा ऐसा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।