खनन के खेल में दागदार रहा है सहारनपुर का दामन, बसपा नेता समेत कई अफसरों की खुली पोल

खनन के खेल में दागदार रहा है सहारनपुर का दामन, बसपा नेता समेत कई अफसरों की खुली पोल

खनन के मामले में सहारनपुर का दामन दागदार ही रहा है। जिले में पट्टों की आड़ में लंबे समय तक अवैध खनन किया जाता रहा। यही नहीं शासन से पट्टों को निरस्त किए जाने के बावजूद 13 पट्टों पर खनन की मंजूरी दे दी गई। हैरानी की बात ये है कि न सिर्फ सहारनपुर में बल्कि सहारनपुर क्षेत्र की यमुना को हरियाणा सीमा में बताकर खनन कराया जाता रहा। खनन के मामले में राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक की साठगांठ उजागर हो चुकी है। बसपा के पूर्व एमएलसी के अलावा खनन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पूर्व में भी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। अब सहारनपुर के दो तत्कालीन जिलाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद लगभग ये साबित कर दिया है कि नौकरशाहों और सफेदपोशों की शह पर सहारनपुर में बड़ा खेल अवैध खनन को लेकर खेला गया।

खनन के खेल में सहारनपुर में रहे तत्कालीन जिलाधिकारी अजय कुमार और तत्कालीन जिलाधिकारी पवन पर शिकंजा कसने के बाद ये साफ होता जा रहा है कि इस खेल में राजनेता और नौकरशाहों की साठगांठ कितनी मजबूत रही। सीबीआई ने तो अब शिकंजा कसा है, लेकिन खनन का खेल काफी समय से चलता आ रहा है। खनन के मामले में बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल समेत कई लोगों पर मामले दर्ज हैं। अवैध खनन किए जाने की शिकायतें प्रशासनिक अधिकारियों के पास आती रहीं, लेकिन काफी समय तक तो रद्दी की टोकरी में ही डाली जाती रहीं। शासन से सख्ती हुई तब जाकर कार्रवाई शुरू की जा सकी।

जिले के कुछ क्षेत्र हैं खनन के लिए चर्चित
जिले में खनन को लेकर कुछ इलाके काफी चर्चित रहे हैं। यहां रेत ही नहीं पत्थरों का भी खनन जमकर किया जा रहा है। सरसावा, बेहट, चिलकाना, मिर्जापुर, बिहारीगढ़, सुंदरपुर समेत कई इलाके ऐसे हैं, जहां खनन धड़ल्ले से चलता है। यही नहीं कुछ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की निगाहें भी इस क्षेत्र पर लगी रहतीं हैं। बताया जाता है कि इन क्षेत्रों में तैनाती के लिए सिफारिशें तक लगाई जातीं हैं।

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