पटना। बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा जारी कोविड-19 से मरनेवालों की संख्‍या गलत थी। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा पहले से जारी आंकडे़ और बीते बुधवार को आई एक रिपोर्ट में मृतकों की संख्‍या में भारी अंतर है। यह बात प्रेस काॅन्‍फ्रेंस में विभाग के सचिव प्रत्‍यय अमृत ने माना है। असल में बिहार में कोविड से  9,375 लोगों ने जान गंवाई थी मगर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने आठ जून 2021 तक 5,424 लोगों की मौत होना बताया था।

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया। इस लहर ने बीते वर्ष के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। एक ओर जहां नए संक्रमितों की संख्या एक दिन में 15 हजार के पार तक पहुंच गई वहीं संक्रमण से हुई मौत ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया। सिर्फ दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण ने सूबे में साढ़े सात हजार से अधिक लोगों की जान ले ली। मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच कोरोना से राज्य में करीब 1600 लोगों की जान गई थी। मार्च 2021 से आठ जून के बीच 7,775 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पहली और दूसरी लहर मिलाकर राज्य में आठ जून तक 9375 लोगों की जान जा चुकी थी।

कमेटी के अनुसार कोरोना से आठ जून तक 9375 मौत :

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को  आयोजित प्रेस कांफ्रेंस मेंं 18 मई को मृतकों की पहचान के लिए गठित दो कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने बताया कि कमेटी ने आठ जून को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार सात जून तक कोरोना से 5424 लोगों की मौत हुई थी। (इसमें मार्च 2020 से मार्च 2021 की 16 सौ मौतें भी शामिल हैं) लेकिन अस्पताल और जिला स्तर पर सत्यापन में यह बात सामने आई कि कोविड-19 से आठ जून तक 5424 नहीं बल्कि  9375 लोगों की मौत हुई। कमेटी ने 3951 ऐसे लोगों की पुष्टि जिनका आंकड़ा सरकार के पास नहीं था।

सरकार की मंशा मृतकों के आश्रितों को समय पर मिले मुआवजा

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार बेहद संवेदनशील है और उसका मंशा है कि महामारी की वजह से जिनकी मौत हुई उनके आश्रितों को चार-चार लाख का मुआवजा मिले। इसी वजह से कमेटी का गठन भी किया गया। जिनकी कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है, उनके आश्रितों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। अब तक 3737 लोगों के मुआवजा के लिए राशि जारी भी की जा चुकी है। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ही कोरोना मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत भी कर दी है।