अजीब परंपरा: इस गांव के लोग दशहरे पर करते हैं रावण की पूजा, कभी नहीं किया जाता पुतला दहन

अजीब परंपरा: इस गांव के लोग दशहरे पर करते हैं रावण की पूजा, कभी नहीं किया जाता पुतला दहन

बागपत में एक गांव जो श्रीराम को भी मानता है और रावण का भी सम्मान करता है। ऐसा गांव जहां लंकेश का पुतला दहन नहीं किया जाता। जहां के लोग कहते हैं कि रावण आए तो गांव में मंशा देवी का मंदिर बन गया। यही वजह है कि बड़ागांव को यहां के लोग रावण भी कहते हैं। रावण उर्फ बड़ागांव में रावण का पुतला दहन नहीं किया जाता। सदियां बीत गई, लेकिन आज तक गांव में रामलीला नहीं हुई। गांव में रावण के पुतले का दहन नहीं करने की परंपरा है। ग्रामीण दहशरे पर रावण की भी पूजा करते हैं। गांव में जैन मंदिर और मंशा देवी मंदिर की वजह से यहां दूरदराज से श्रद्धालुओं की आवाजाही रहती है।

क्या कहते हैं ग्रामीण
सुरेश कुमार का कहना है कि रावण में लाख बुराइयां थी, लेकिन उनके नाम से गांव को पहचान मिली। गांव में रावण की मूर्ति स्थापित करने का विचार है। इस पर जल्द ही ग्रामीणों की बैठक बुलाई जाएगी।

रामपाल त्यागी व उमेश त्यागी कहते हैं कि गांव के रकबे में रावण कुंड के नाम से भी तालाब है। इसका जीर्णोद्धार कराने का प्रयास किया जा रहा है। ग्राम प्रधान अपने स्तर से इसके जीर्णोद्धार के प्रयास में लगे हुए है।


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