स्टेच्यू ऑफ यूनिटी: पीएम मोदी ने कहा- जो जंग नहीं जीत सकते वो फूट डाल रहे हैं
भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को समाप्त कर दिया था। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने का फैसला देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने हमने उस अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला किया जिसने जम्मू कश्मीर को सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद दिया।
सरदार पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर कहा कि मैं अनुच्छेद 370 को रद्द करने का फैसला सरदार पटेल को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पर हमारा फैसला जमीन पर लकीर खींचने के लिए नहीं बल्कि विश्वास की श्रृंखला बनाने के लिए है।
उन्होंने कहा कि देश ने उस अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला किया जिसने जम्मू कश्मीर को सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल से प्रेरित हो कर हम भावनात्मक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब सरदार पटेल ने रियासतों का एकीकरण शुरू किया तो कई शासकों को एकता की भावना ने भारत में विलय के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सदियों पहले चाणक्य ने भारत को एकजुट किया था और बाद में सरदार पटेल ने यह किया।
मोदी ने कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ जंग नहीं जीत सकते, वो हमारी एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
हर साल 31 अक्तूबर को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
अनेकता में एकता को देश का गौरव और पहचान बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम दूसरे संप्रदाय और धर्मों की परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करते हैं तो प्यार तथा जुड़ाव बढ़ता है। उन्होंने पूर्वोत्तर का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर अलगाववाद से जुड़ाव की ओर बढ़ रहा है क्योंकि दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान करीब है।
इससे पहले गुजरात के केवड़िया में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री जब पटेल को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तभी भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से दुनिया की इस सबसे बड़ी प्रतिमा पर फूल बरसाए गए।