श्रीनगर के दवा कारोबारी माखनलाल बिंदरू की बेटी का आंतकियों को करारा जवाब- कहा हिम्मत है तो सामने आए

- श्रीनगर में आतंकियों द्वारा मारे गए दवा व्यापारी माखनलाल बिंदरू की बेटी ने कहा है कि उनके पिता को मार देने भर से कश्मीरी पंडि़तों का जज्बा कम नहीं होने वाला है। आंतकी केवल मारना ही जानते हैं इससे अधिक वो कुछ कर भी नहीं सकते।
नई दिल्ली। श्रीनगर में आतंकियों द्वारा मारे गए दवा व्यापारी माखनलाल बिंदरू की बेटी ने कहा है कि उनके पिता को मार देने भर से कश्मीरी पंडि़तों का जज्बा कम नहीं होने वाला है। उन्होंने ये भी कहा है कि आंतकी केवल मारना ही जानते हैं इससे अधिक वो कुछ कर भी नहीं सकते। लेकिन इससे कुछ नहीं होगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता ने अपना कारोबार एक साइकिल के जरिए शुरू किया था। वो कभी नहीं मर सकते हैं। आतंकियों ने केवल उनके एक शरीर को नष्ट किया है। उन्होंने ये भी कहा कि एक हिंदु होने के बावजूद वो कुरान भी पढ़ती हैं, जिसमें लिखा है कि मरने से शरीर का केवल चोला ही बदलता है, लेकिन इंसान का जज्बा कभी नहीं मरता है। उनके पिता आज भी उनके जज्बे के साथ जिंदा हैं।
उन्होंने उन आंतकियों के बारे में भी कहा जिन्होंने शाप पर काम करते हुए माखनलाल बिंदुरू की हत्या की थी, कि यदि उसमें हिम्मत है तो वो सामने आए और आमने-सामने उनसे बहस करे। उस वक्त हम देखेंगे कि वो क्या है। जब एक शब्द भी मुंह से नहीं निकलेगा तो केवल टेढ़े-मेढ़े मुंह ही बनाकर मिमियाता ही दिखाई देगा।
उस वक्त इन लोगों को समझ में आएगा कि केवल पत्थर ही मार सकते हैं और पीछे से गोली ही चला सकते हैं। माखनलाल की बेटी ने खुली चुनौती दी कि उन्होंने जिसे पैदा किया है वो वो हैं। यदि इतनी ही औकात है तो चल मेरे सामने, मेरे से बात करे। पत्रकारों से बात की हुई बिंदुरू की बेटी की ये वीडियो जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन ने ट्वीट की है। अपने ट्वीट में हुसैन ने लिखा है कि जब तक उनके जैसी बेटियां पैदा होती रहेंगी, आतंकी अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो सकेंगे।
आपको बता दें कि बिंदरू की मंगलवार को उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वो अपनी कैमिस्ट शाप पर मौजूद थे आतंकियों ने शाप में घुसते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इस दौरान बिंदरू को कई गोली लगीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। बता दें कि बिंदरू की बेटी एक एसोसिएट प्रोफेसर हैं। बतों दे कि बिंदरू कश्मीरी पंडित समुदाय के उन चुनिंदा लोगों में शामिल थे जिन्होंने आतंकियों के डर से न सिर्फ कश्मीर छोड़ने से मना कर दिया था बल्कि आतंकवाद के दौरान उन्होंने अपना कारोबार आगे बढ़ाया था। इस काम में उनकी मदद उनकी पत्नी ने की थी।