नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान भाई-भतीजावाद, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति पर कड़ा हमला बोला। गडकरी ने उन लोगों पर निशाना साधा जो अपने बेटे-बेटियों या पत्नी के लिए चुनावी टिकट मांगते हैं।
‘बेटे-बेटियों के लिए टिकट मांगने की प्रवृत्ति’
गडकरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “राजनीति में कुछ लोग कहते हैं कि पहले मेरे बेटे या बेटी का कल्याण करो, उन्हें टिकट दो। जैसे भी हो, मेरे परिवार को टिकट दो। यह सब इसलिए चलता है क्योंकि लोग उन्हें वोट देते हैं। जिस दिन जनता ने ठान लिया कि ऐसे लोगों को वोट नहीं देंगे, उसी दिन ये नेता सीधे हो जाएंगे। राजनीति में अपनी काबिलियत साबित करनी चाहिए, न कि परिवारवाद के आधार पर टिके रहना।”
बेटे के लिए टिकट मांगने वालों को दिया जवाब
गडकरी ने आगे कहा, “हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की है, जहां विश्व के कल्याण की बात होती है। लेकिन कुछ लोग राजनीति में पहले अपने बेटे-बेटी और परिवार का कल्याण करवाने में लगे रहते हैं। राजनीति में हमें जनता के हित को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत हितों को।”
‘जो करेगा जात की बात, उसको कस के मारूंगा लात’
जातिवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए गडकरी ने कहा, “मैं 45 साल से राजनीति में हूं और मैंने कभी जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया। अगर कोई जात की बात करेगा, तो उसे कस कर लात मारूंगा। मैंने लोगों से हमेशा कहा है, वोट देना है तो दो, नहीं देना है तो मत दो। मैं आपका काम तब भी करूंगा, जब आप मुझे वोट देंगे और तब भी करूंगा, जब नहीं देंगे।”
परिवारवाद के खिलाफ गडकरी का रुख
नितिन गडकरी पहले भी परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं। अप्रैल 2024 में उन्होंने कहा था कि माता-पिता द्वारा अपने बेटे-बेटी के लिए टिकट मांगना गलत है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बेटे-बेटी का सियासत में आना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए काबिलियत होनी चाहिए, न कि सिर्फ परिवारवाद।