शिया सोगवारों ने निकाला मातमी जुलूस
- मामत करते शिया पुरूष
देवबंद [24CN]: क्षेत्र के थीतकी गांव और नगर की मदीना कॉलोनी में हजरत इनाम हुसैन की शहादत की याद में शिया सोगवारों में मातमी जुलूस निकाला। गमगीन माहौल में सोगवार जुलूस को करबला तक ले गए। जहां ताजियों को दफन किया गया।
थीतकी गांव में सोगवारों ने नौ मोहर्रम की रात जागकर शब्बेदारी कर मजलिस की। इसमें शिया धर्मगुरूओं ने करबला का किस्सा बयान किया। १० मोहर्रम की सवेरे सभी लोग नमाज-ए-आशुरा अदा करने के लिए जंगल गए। नमाज के बाद यजीदों द्वारा करबला में शहीद किए गए हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार की याद में मातमी जुलूस निकाला गया। चाक गिरेबां काले कपड़े पहने हुए शिया सोगवारों ने छूर्रियों, कमाह, जंजीरों और तेज धार ब्लेडों से अपने शरीर को लहूलुहान कर मातम किया। सोगवारों ने ह्यहाय सकीना हाय प्यास, चमन चमन कली कली, अली अली अली अली, और हुसैनियत जिंदाबाद यजीदियत मुर्दाबाद की सदाएं बुलंद की।
जुलूस में सैयद गजनफर अली ने सोजख्वानी की जबकि मुसर्रत, अली सईद, जफर नोहाख्वानी की। पुराने इमामबाड़े से शुरू हुआ जुलूस मुख्य बाजार व हुसैनी चैक से होता हुआ करबला पहुंचा। जहां ताजियों को दफनाया गया। इसके उपरांत मुर्सरत अली और अली सईद ने अलविदा पढ़ाई। जुलूस में पूर्व राज्यमंत्री सय्यद ईसा रजा, तसद्दुक हुसैन, मेहंदी हसन, हादी हसन, हसन मोहम्मद, शामे रजा, अफसर अली, यासूब, यामीन, नवेद आदि मौजूद रहे। उधर, नगर की मदीना कॉलोनी में भी यौम-ए-आशुरा पर मातमी जुलूस निकाला गया।
सोगवारों ने गमगीन माहौल में खूनी मातम किया। इससे पूर्व मौलाना सैयद जान आलम ने रात की मजलिसों को और मौलाना शाकिर अली मिल्ली गोरी ने दिन की मजलिसों को खिताब किया। इसमें अली खान अहमद, शोराब, रहीम, ताहिर, तालिब हुसैन आदि मौजूद रहे। थीतकी और मदीना कॉलोनी में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया था।
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