फीस बढ़ोतरी पर मचा बवाल, जेएनयू के बाहर प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि और हॉस्टल नियमों में बदलाव के चलते बीते कई दिनों से जो आंदोलन अब तक कैंपस के अंदर चल रहा था वो सोमवार(11 नवंबर) को बाहर निकल आया है। सोमवार को छात्र अपनी तमाम मांग लेकर दीक्षांत समारोह में आए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलने निकले लेकिन उन्हें रास्ते में ही हिरासत में ले लिया गया।
छात्रों को पीट-पीटकर खदेड़ रही पुलिस, लाठीचार्ज भी किया
जेएनयू के छात्र जो आज कैंपस के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं उनके साथ पुलिस बर्बरता से पेश आ रही है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस पीट-पीटकर खदेड़ रही है। खबर है कि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया है। छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने मानव श्रंखला बना ली है।
कैंपस में फंसे मानव संसाधन विकास मंत्री को पुलिसवालों ने निकाला
पिछले कई घंटे से जेएनयू कैंपस में फंसे मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पुलिस ने बाहर निकाल लिया है।
आज सैकड़ों की संख्या में जेएनयू के छात्र अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली की सड़कों पर उतरे हैं। इसमें फीस वृद्धि की समस्या भी शामिल है। छात्रों का कहना है कि हम बीते 15 दिनों से फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में लगभग 40 प्रतिशत बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं, ऐसे में फीस वृद्धि वापस ली जानी चाहिए।
गौरतलब है कि फीस वृद्धि के विरोध में जेएनयू के सभी छात्र संगठन एक साथ आए हैं। बीते सोमवार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जेएनयू कैंपस में काला रिबन बांधकर हॉस्टल मैनुअल एवं फीस बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग की थी।
बता दें कि कई दिनों से विरोध के बीच जेएनयू कैंपस छावनी में तब्दील हो गया है। एक ओर विश्वविद्यालय में हॉस्टल नियमों का विरोध तो दूसरी ओर सुरक्षा के लिए पहली बार सीआरपीएफ तैनात है।
छात्रसंघ उपाध्यक्ष साकेत मून ने बताया कि विवि प्रशासन ने दो दिन पूर्व जो जानकारी सावर्जनिक जारी की है, उसके आधार पर तय है कि छात्रावास की फीस में एक हजार गुना बढ़ोतरी होने जा रही है। इस फैसले का असर विवि के 40 फीसदी से अधिक छात्रों पर पड़ना तय है। छात्रों को मजबूरी में परिसर छोड़ना पड़ेगा। इसी जैसे अव्यवहारिक नियमों को वापस लेने की मांग को लेकर हम पिछले दिनों से संघर्षरत हैं। चेतावनी दी कि जब तक विवि प्रशासन इस प्रारूप को वापस नहीं लेता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।