यूपी के इकलौते मंदिर में होती है रावण की पूजा, सिर्फ दशहरे पर खुलता है मंदिर
- विजयादशमी पर यूं तो प्रभु श्रीराम की आरती उतारी जाती है, लेकिन यूपी में एक ऐसा मंदिर है जहां रावण को पूजा जाता है
- खास बात यह है कि मंदिर सिर्फ दशहरे वाले दिन ही खोला जाता है और रावण दहन के बाद इसे बंद कर दिया जाता है
- रावण की मूर्ति को फूलों से सजाया जाता है और आरती उतारी जाती है, इसके अलावा श्रद्धालु तेल के दीये भी जलाते हैं
कानपुर
विजयादशमी के त्योहार पर यूं तो प्रभु श्रीराम की आरती उतारी जाती है, लेकिन यूपी में एक ऐसा मंदिर है जहां रावण को पूजा जाता है। यह मंदिर कानपुर के शिवाला रोड पर स्थित है। खास बात यह है कि मंदिर सिर्फ दशहरे वाले दिन ही खोला जाता है और रावण दहन के बाद इसे बंद कर दिया जाता है।
रावण को पूजने वाले लोग मानते हैं कि रावण एक महान विद्वान भी था इसलिए दशहरे वाले दिन लोग मंदिर जाकर रावण की पूजा करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। इस मंदिर का नाम दशानन मंदिर है। माना जाता है कि 1890 में गुरु प्रसाद शुक्ल ने मंदिर की स्थापना की थी। एक स्थानीय युवक ने बताया, ‘हम हर साल यहां आकर रावण की पूजा करते हैं। उनकी आरती उतारने के बाद हमारी इच्छाएं पूरी होती है।’
केवल दशहर के दिन खुलता है मंदिर
एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, ‘यह मंदिर साल में एक बार केवल दशहरे वाले दिन खुलता है। रावण एक महान विद्वान था। उन्हें मानने वाले अधिकतर चैत्री और ठाकुर समाज के हैं।’ दशहरे के दिन रावण की मूर्ति को फूलों से सजाया जाता है और आरती उतारी जाती है। इसके अलावा श्रद्धालु तेल के दीये जलाते हैं और मूर्ति के सामने मंत्रों का उच्चारण भी करते हैं। रावण का पुतला जलाए जाने के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।
बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा
बता दें कि आज पूरे देश में धूमधाम के साथ दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने आज ही के दिन लंका में रावण का वध किया था, तभी से दशहरे का त्योहार मनाते आ रहे हैं।