रामचरित मानस विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य पर फूटा मुस्लिम धर्मगुरुओं का भी गुस्सा, कहा- हिंदू धर्म ग्रंथ…

रामचरित मानस विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य पर फूटा मुस्लिम धर्मगुरुओं का भी गुस्सा, कहा- हिंदू धर्म ग्रंथ…

लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के मुतवल्ली मौलाना वासिफ हसन ने कहा कि इस्लाम व पैगंबर मोहम्मद साहब के सच्चे अनुयायी होने के कारण हम हिंदू धर्म और उसके ग्रंथों का आदर करते हैं।

लखनऊ : श्रीरामचरितमानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित टिप्पणी पर नाराजगी थम नहीं रही है। हिंदू संतों और राजनीतिक दलों के साथ अब मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी स्वामी प्रसाद के बयान की निंदा करते हुए अपने शब्द वापस लेने की मांग की है। काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से रुख स्पष्ट करने की मांग की है।

लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के मुतवल्ली मौलाना वासिफ हसन ने कहा कि इस्लाम व पैगंबर मोहम्मद साहब के सच्चे अनुयायी होने के कारण हम हिंदू धर्म और उसके ग्रंथों का आदर करते हैं। समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम स्वामी प्रसाद से अपने शब्दों के लिए माफी मांगने की मांग करते हैं। अयोध्या की बक्शी शहीद मस्जिद के इमाम सेराज अहमद खान ने कहा कि रामचरितमानस मुगल काल में लिखा गया।

आचार्य धीरेंद्र को मिला दो शंकराचार्यों का समर्थन प्रयागराज

पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती व द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने आचार्य धीरेंद्र को समर्थन देने के साथ मानस पर अनर्गल टिप्पणी करने पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की मांग उठाई है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि कोई तंत्र, मंत्र व यंत्र से पीडि़तों का दुख-दर्द दूर कर रहा है तो इसमें गलत क्या है? सनानत धर्म विरोधी ताकतें अनायास विवाद खड़ा कर रही हैं।

साथ ही कहा कि स्वामी प्रसाद का मानस पर दिया गया बयान हिंदुओं का अपमान है। ऐसे लोगों को जेल के सलाखों के पीछे भेजना चाहिए। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि तंत्र व मंत्र में अथाह शक्ति है। आचार्य धीरेंद्र उसी का प्रयोग कर रहे हैं।

स्वामी के बयान से सपा ने झाड़ा पल्ला, भाजपा ने उठाए सवाल

रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य को कहीं ठौर-ठिकाना नहीं मिल रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा तो मौर्य पर हमलावर है ही, खुद उनकी ही पार्टी सपा ने भी किनारा कर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौर्य से नाराज बताए जाते हैं।

हालांकि अखिलेश ने अब तक इस प्रकरण पर मौन साध रखा है। स्वामी प्रसाद के बहाने भाजपा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घेरना शुरू किया है और उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। इधर, सपा नेता रविदास मेहरोत्रा स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को उनका निजी बयान बताया है।

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