राहुल गांधी की पूर्णिया में रैली आज, RJD, लेफ्ट समेत महागठबंधन के सभी सहयोगी दल आमंत्रित
New Delhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज पूर्णिया में रैली करेंगे। वह रंगभूमि मैदान में दोपहर 1.30 बजे रैली को संबोधित करेंगे। कांग्रेस का दावा है कि इस रैली में दो लाख लोग भाग लेंगे। कांग्रेस नेता और एआईसीसी सदस्य निर्मल वर्मा ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राहुल गांधी के स्वागत के लिए पूरी तैयारी की गई है। पूर्णिया में कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं। कांग्रेस ने इस रैली में RJD, लेफ्ट समेत महागठबंधन के सभी सहयोगी दलों को आमंत्रित किया है।
बिहार में राहुल की न्याय यात्रा को भारी समर्थन
बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 16वें दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल से बिहार में प्रवेश कर गई। यात्रा के बिहार पहुचंने पर जगह-जगह सड़क किनारे, फ्लाईओवरों और घर की छतों पर खड़े हजारों की संख्या में लोगों ने राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया। यात्रा को समर्थन देने आए स्थानीय लोगों का जोश देखने लायक था। जगह-जगह हजारों की संख्या में युवा और बच्चे नारे लगाते हुए यात्रा के साथ-साथ दौड़ते हुए नजर आए। सोमवार को यात्रा बिहार के किशनगंज और अररिया से गुजरी।
‘आर्थिक और सामाजिक न्याय के बिना देश प्रगति नहीं कर सकता’
इस दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में कांग्रेस ने न्याय शब्द जोड़ दिया है। आज के हिंदुस्तान में गरीब व्यक्ति को आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है। आज आर्थिक और सामाजिक अन्याय किए जा रहे हैं। इस कारण देश प्रगति नहीं कर पा रहा है। इसलिए कांग्रेस ने यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा है। मोदी सरकार खेती और मजदूरी करने वालों की मदद नहीं करती, उनके लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते हैं। लेकिन चुनिंदा अरबपतियों के लिए सरकार के सारे दरवाजे खुले होते हैं। बेरोजगारी देश में फैलती जा रही है। जीएसटी लागू हुआ, नोटबंदी लागू की। पूरे देश में आज 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। इसकी चोट सबसे ज्यादा गरीब, मजदूर, छोटे दुकानदार, छोटे व्यापारी को लगती है।
‘सामाजिक न्याय का पहला कदम जाति जनगणना है’
राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्ग दबा हुआ है। इन्हें सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है इसलिए कांग्रेस ने सामाजिक न्याय के लिए एक क्रांतिकारी काम करने का निर्णय लिया है। सामाजिक न्याय का पहला कदम जाति जनगणना है। ये देश का एक्सरे है। जाति जनगणना के बाद कांग्रेस पार्टी इन वर्गों को उनकी हिस्सेदारी देने जा रही है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं, देश के पूरे बजट का निर्णय यही अफसर लेते हैं लेकिन इन 90 अफसरों में ओबीसी वर्ग के सिर्फ तीन लोग हैं इसलिए पूरे देश को पता चलना चाहिए कि हिंदुस्तान में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं। इसलिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है। उन्होंने निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज कल संस्थाओं का निजीकरण हो रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हो रहा है।