जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष बोले- प्रतिबंध नहीं हटा तो शर्तों के साथ अदा होगी ईद की नमाज

जमीयत उलमा-ए-हिंद (मौलाना महमूद मदनी गुट) के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी ने लॉकडाउन के बीच आ रहे ईदुल फितर के त्योहार को लेकर देश भर के मुसलमानों का मार्गदर्शन किया है। उनका कहना है कि यदि ईद तक प्रतिबंध न हटाए गए तो जुमा की नमाज की तरह ही ईद की नमाज अदा की जाएगी।

कारी ने बयान जारी कर कहा कि अगर ईद तक लागू प्रतिबंध नहीं हटाए जाते हैं तो जिस तरह अब तक जिन मस्जिदों और दूसरे स्थानों में शर्तों के साथ नमाज-ए-जुमा अदा की जा रही है, उसी तरह ईद की नमाज भी अदा की जाएगी। क्योंकि ईद के लिए भी वही शरायत (शर्तें) हैं जो जुमे के लिए हैं। इसलिए पूरी कोशिश की जाए कि शरई शरायत (इस्लामी निर्देश) और सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ईद की नमाज अदा की जाए।

उन्होंने कहा कि जो लोग किसी कारणवश ईद की जमात में कहीं भी भाग न ले सकें तो सिर्फ उनके लिए बेहतर है कि वह चार रकआत चाश्त (फजर की नमाज से एक घंटे बाद) की नफिल नमाज अतिरिक्त तकबीरों के बिना अलग-अलग पढ़ लें और रमजान-उल-मुबारक व रोजे की नेमत (अमूल्य उपहार) पर अल्लाह का शुक्र अदा करें। कहा कि ईद के दिन खुशी को प्रकट करें, लेकिन ईद साधारण तरीके से मनाएं। मित्र, सहयोगियों और संबंधियों से मिलने में स्वास्थ्य संबंधी सरकारी दिशा निर्देशों को अवश्य ध्यान में रखें। ताकि हर प्रकार की हानि से सुरक्षित रहा जा सके।

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