ट्रेनी आईएएस को पीएम मोदी का मंत्र- वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉब्लम और टोटल सलूशन पर करें काम

- सरदार पटेल की जन्मतिथि पर पीएम मोदी ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को दिए टिप्स
- पीएम मोदी ने कहा कि एक समय पर एक समस्या के समाधान के लिए काम करें
- मोदी ने कहा कि जिलों में तैनात हों तो एक समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए काम करें
केवडिया
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस के मौके पर पीएम मोदी गुरुवार को गुजरात पहुंचे। केवडिया में स्टैचू ऑफ यूनिटी पर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय पर एक समस्या को हल करने की कोशिश कीजिए। पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में जब आप (आईएएस अधिकारी) कहीं तैनात हों तो वहां ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉब्लम और टोटल सलूशन’ की नीति पर काम करें।
सरदार पटेल की जन्मतिथि पर उनको याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सरदार साहब ने ही याद दिलाया था कि यह ब्यूरोक्रेसी ही है, जिसके भरोसे हमें आगे बढ़ना है, जिसने रियासतों के विलय में अहम योगदान दिया था। सरदार पटेल ने दिखाया है कि सामान्य जन के जीवन में सार्थक बदलाव के लिए हमेशा एक बुलंद इच्छाशक्ति का होना जरूरी होता है।’
पीएम मोदी ने भावी अधिकारियों को सिखाई गांधीगिरी
भावी आईएएस अधिकारियों की उनके फैसलों के बारे में टिप्स देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आगे चलकर आप जब भी कोई फैसला लें तो उसे दो कसौटियों पर जरूर कसें। पहला- जो रास्ता महात्मा गांधी ने दिखाया था कि आपका फैसला समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करता है या नहीं। दूसरा- आपके फैसले से देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा मिले।’
पीएम मोदी ने अधिकारियों से हर जिले में एक बड़ी समस्या का समाधान करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘आने वाले समय में आप में से कई साथियों की तैनाती जिला और ब्लॉक स्तर पर होगी। मेरा आपको सुझाव है कि एक वक्त में एक समस्या को हाथ में लें और वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉब्लम और टोटल सलूशन की नीति पर काम करें। एक समय में एक समस्या को हल करिए, जिससे आपका भी कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। जनता का भरोसा आप जीतते हैं तो जनता की भागीदारी बढ़ जाती है।’
‘एसी कमरों से निकलकर जमीन पर उतरें’
ब्यूरोक्रेसी को नसीहत देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अकसर एसी कमरों में बैठे हुए हमें सबकुछ ठीक-ठाक लगता है। यही कारण है कि बहुत बार हमें सामान्य समस्याओं की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। हमें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर लोगों से जुड़ना जरूरी है। इसी से हम बेहतर काम कर पाएंगे।’