नकुड का सीएचसी खुद हो गया बिमार, बुखार से पिडित मरीजो को नंही मिल रहा इलाज

नकुड का सीएचसी खुद हो गया बिमार, बुखार से पिडित मरीजो को नंही मिल रहा इलाज
अस्पताल में फैली गंदगी

सीएचसी में गंदगी की भरमार,स्वीपर दवाई लने गया

नकुुड 17 अगस्त इंद्रेश। दो लाख की आबादी के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाला नकुड का सीएचसी खुद बिमार हो गया है। अस्पताल मे फैली गंदगी स्वास्थयकर्मचारियों की लापरवाही अस्पताल की बदहाली की गवाही दे रहे है। प्रतिदिन सैंकडो बुखार पिडित मरीजों को अस्पताल में प्राथमिक ऐड तक मिल पाना मुश्किल हो गया है।

नगर मे मल्हामाजरा रोड पर सीएचसी मे रोज सैंकडो मरीज दवाई लेने के लिये आते है। क्षेत्र बुखार फैलने के चलते मरीजो की संख्या बढ गयी है। मरीजो ंका आरोप है कि अस्पताल में मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल पाता जिसके कारण उन्हे निजी चिकित्सको की शरण मे जाना पडता है। इस बार मरीजो में चिकनगुनिया के लक्षण मरीजो मे दिखायी पड रहे है। परंतु अस्पताल में चिकनगुनिया के टेस्ट की व्यवस्था ही नहीं है। जिसके कारण चिकित्सक मरीजों को मलेरिया या वायरल बुखार के तौर पर इलाज करते है जिसका मरीजो को कोई लाभ नंही मिलता। अंततः मरीजों को निजि चिकित्सको के पास जाना पडता है।

अस्पताल में फैली गंदगी व पीछे खडे झाड झंकार

सीएचसी की हालत कितनी दयनीय है इसका अंदाजा वंहा फैली गंदगी से लगाया जा सकता हैं पूरे अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा है। अस्पताल का कोरीडोर वेस्ट रूई, धूल, मिटटी से अटा पडा है। अस्पताल के वार्ड में मरीजो की देखभाल के लिये बैठे कर्मचारी आपसी गपशप में व्यस्त रहते है। अस्पताल के पीछे चार से पंाच फिट उंचे झाड झकंाड उगी है। जो मरीजो व स्वंय कर्मचारियों के लिये भी खतरे की घंटी हैं। बरसात के दिनों में इस घास मे रहने वाले जहरीले जीव जंतु किसी भी मरीज या कर्मचारी के लिये खतरनाक साबित हो सकते है। पंरतु अधिकारियो का सफाई पर ध्यान नहीं है।
अस्पताल में तैनात एकमात्र स्वीपर जिलामुख्यालय से दवाए लाने का काम करता है। चिकित्सको का कहना है कि फार्मेंसिस्ट दवा उठाने का काम नहीं करता। दवा लेने स्वीपर जाता है। इसलिये अस्पताल में सफाई नंही हुई।

सरस्वती नगर में सर्पदंश से मरी युवती को सीएचसी मे नहीं दिया गया था ऐंटीवेनम इंजेक्शन

अस्पताल मे चिकित्सको के सात पदो के विपरित मात्र दो चिकित्सक है। एक डेंटिस्ट चंद मरीजोें का इलाज कर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर लेते है। डेंटिस्ट के केबिन के सामने मरीजो के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। पिछले दिनो सरस्वती नगर में सर्प काटने से एक युवती की मौत हो गयी थी। परिजन युवती को तुरंत इलाज के लिये सीएचसी ले गये । पंरतु सीएचसी मे उसे ऐंटी वेनम इंजेक्शन नहीं दिया । बल्कि उसे सहारनपुर रैफर कर दिया गया। सहारनपुर जाते हुए उसकी मौत हो गयी थी । सर्पदंश के बाद यदि उसे ऐंटी वेनम इंजेक्शन दे दिया जाता तो उसकी जान बच जाती । उसकी मौत के लिये जिम्मेदार कौन है।

अस्पताल में फैली गंदगी

कोरोना के समय बने आक्सीजन प्लांट पर लग रहा है जंग

कोरोना महामारी के दौरान सीएचसी मे लगाये गये आक्सीजन प्लाटं धूल खा रहा है। उसके गेट पर लटका ताला जंग खा रहा हैं । जालियो पर जाले लगे है। अंदर मशीनो पर धूल जमी है। लाखों की मशीनो के रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी है। सरकार ने लाखो रूपये खर्च करके अस्पताल मे मरीजो की सुविधा के लिये आक्सीजन प्लांट लगाया । पंरतु अब उसकी दुर्दशा हो रही हैं । भाजपा के गययुर आलम , किसान युनियन के चै0 देवी सिंह ने कहा कि जब अधिकारी सीएचसी की देखभाल ही नहीं कर सकते तो वे मरीजो का इलाज क्या करेगे। अस्पताल मे खर्च होने वाले धन व बदहाली की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

अस्पताल में फैली गंदगी

सीएचसी प्रभारी ने कहा
सीएचसी प्रभारी डा0 अमन गोपाल ने कहा कि अस्पताल का स्वीपर सहारनपुर दवा लेने गया था। शायद इसलिये अस्पताल मे सफाई नहीं हुई होगी । अस्पताल के पीछे खडे झाड झंकाड की सफाई करायी जा रही है। सीएचसी मे स्टाफ कम है पंरतु मरीजो को उचित इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।


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