जरूर करें सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध: पंडित दिशोध शास्त्री

  • सहारनपुर में पितृ अमावस्या के बारे में जानकारी देते पं. दिशोध शास्त्री।

सहारनपुर। पितृ पक्ष की अमावस्या के महत्त्व के बारे में जानकारी देते हुए पं. दिशोध शास्त्री ने बताया कि अश्विन अमावस्या तिथि सर्व पितृ अमावस्घ्या के नाम से जानी जाती है। इस दिन ऐसे सभी लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्दशी, पूर्णिमा या अमावस्या को हुई हो।

इसके अलावा इस तिथि पर ऐसे लोगों का भी श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि के बारे में पता नहीं होता है या श्राद्ध पक्ष के अन्य दिनों में जिनका श्राद्ध नहीं किया गया हो। इसलिए इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सर्व पितृ अमावस्घ्या पर अपने पितरों का श्राद्ध करना बहुत जरूरी होता है। इससे आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न रहते हैं और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने बताया कि आश्विन अमावस्या तिथि का प्रारम्भ मंगलवार 1 अक्टूबर को रात 09.39 बजे तक और आश्विन अमावस्या तिथि का समापन बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को रात 12.18 बजे यानी 3 अक्टूबर की सुबह तक होगा। वहीं अमावस्या श्राद्ध बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को रहेगा। उन्होंने बताया कि सर्व पितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान देने का बड़ा महत्व है। इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराने या दान देने से पुण्य मिलता है। लेकिन चरित्रहीन, रोगी या मांस खाने वाले व्यंक्ति को श्राद्ध कर्म में नहीं बुलाना चाहिए। सर्व पितृ अमावस्या पर चना, हरी सरसों के पत्ते, जौ, मसूर की दाल, मूली, लौकी, खीरा और काला नमक न खाएं। सर्व पितृ अमावस्या पर अपने घर आने वाले किसी भी जीव या अतिथि का अनादर नहीं करना चाहिए। इससे आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं।


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