मुस्लिम समाज ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, अधूरे पड़े मंदिर निर्माण के लिए बढ़ाया हाथ

मुस्लिम समाज ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, अधूरे पड़े मंदिर निर्माण के लिए बढ़ाया हाथ

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले 40 साल से चल रहे मंदिर विवाद को हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों ने बैठक कर निपटा लिया। मुस्लिम समाज के लोगों ने मौके पर मौजूद रहकर अधूरे मंदिर निर्माण कार्य को शुरू कराया। मुस्लिम समाज की पहल की क्षेत्रीय लोग प्रशंसा कर रहे हैं।

क्षेत्र के गांव कासमपुर में वर्ष 1980 में गड़रियों वाली बस्ती में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कराया। उस समय मुस्लिम समाज के लोगों ने मंदिर में प्रयुक्त भूमि को ग्राम समाज की बताकर निर्माण कार्य को रुकवाया था।

40 वर्ष बाद अब फिर से ग्राम प्रधान अनिल राणा, राज कुमार ठेकेदार, रमेश, सिखपाल, यशपाल, मीतूराम, डॉ. महेंद्र एवं मुस्लिम समाज के हाजी रागिब, नसीम मूंछ, पूर्व प्रधान इनाम, शफीक अहमद, कामिल बीडीसी, इम्तियाज, वसीब, राशिद, मा. रिजवान, शहीद बीडीसी, वहीद मोटा, कल्लू ठेकेदार, जमील लुहार आदि ने मिलकर हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच की खाई को पाटने का कार्य कर बृहस्पतिवार को गांव में सर्वसमाज की बैठक बुलाई। इसमें वक्ताओं ने कहा गांव में गड़रियों वाली बस्ती में विवाद के चलते अधूरे पड़े मंदिर निर्माण को शुरू कराया जाए। इस पर मुस्लिम समाज ने मंदिर निर्माण की स्वीकृति दे दी।

बैठक में मौजूद लोगों ने एकजुट होकर कहा मंदिर और मस्जिद पूजा का स्थान है और इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि वह लोग मंदिर निर्माण में आर्थिक सहयोग के साथ जो भी सहयोग होगा, उससे पीछे नहीं हटेंगे। मुस्लिम समाज की पहल की क्षेत्रीय लोग प्रशंसा कर रहे हैं।

 

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