Lucknow Gang Rape : एक बनाता था संबंध तो दूसरा मुहँ दबाकर रखता था

Lucknow Gang Rape : एक बनाता था संबंध तो दूसरा मुहँ दबाकर रखता था
Lucknow Gang Rape Case: इस होटल में हुई घटना

 

  • छात्रा को जबरन होटल ले गए थे आरोपी, बारी-बारी से किया दुष्कर्म
  • पुलिस के साथ खड़े थे आरोपी – छात्रा की माँ को देख हटाया
  • पुलिस बोली आरोपियों को दोस्त लिखो, पीड़ित परिवार को घंटों बैठाया, रात 3:30 बजे हो सकी एफआईआर

लखनऊ। Lucknow Gang Rape Case – सरोजनीनगर में सोमवार को दो कमांध युवकों ने पड़ोस में रहने वाली पांचवी की छात्रा को जबरन कार में बैठा लिया। इसके बाद होटल ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया। आरोपितों ने अश्लील वीडियो बनाया और शिकायत करने पर वायरल करने की धमकी दी।

इसके बाद बेसुध हालत में घर के पास फेक कर चले गए। पिता को देखा तो आपीबीती सुनाई, जिसके बाद वह आरोपितों के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

सरोजनीनगर इलाके में रहने वाली किशोरी पांचवी कक्षा की छात्रा है। छात्रा के पिता ने बताया कि सोमवार को साढे चार बजे वह जब अपने घर जा रहा था, तो उसकी बेटी उसे बदहवास स्थिति में रोते हुए मिली। जब उसने बेटी से पूछताछ की तो उसने बताया कि दोपहर करीब एक बजे जब वह स्कूल से लौट रही थी। तभी उसके पड़ोस में रहने वाले दानिश व आमीन ने रास्ते में उसे रोक लिया।

उसका बैग अपनी कार में डाल दिया। बाद में उसे भी खींचकर अपनी कार में बैठाया और लोकबंधु अस्पताल के पास स्थित एक होटल के पास कार रोकी और एक आरोपी आमीन छात्रा का बैग लेकर नीचे चला गया। इसके बाद दानिश ने कहा कि बैग लेना है तो नीचे चलना पड़ेगा। आरोप है कि आमीन और दानिश किशोरी को लेकर कमरे के अंदर गए। दोनों ने उसके साथ बारी-बारी से जबरन दुष्कर्म किया।

यह भी आरोप है कि जब दानिश छात्रा के साथ संबंध बनाता था तो आमीन उसका मुंह दबाकर रखता था और जब आमीन संबंध बनाता था तो दानिश छात्रा का मुंह दबा कर रखता था। पीड़ित पिता का आरोप है कि इस दौरान दोनों ने उसका अश्लील वीडियो भी बनाया और किसी से शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने और जान से मारने की धमकी भी दी।

पीड़ित पिता ने बताया कि घटना की जानकारी होते ही बेटी को लेकर कृष्णानगर थाने गए। यहां पर कृष्णानगर पुलिस ने शिकायत सुनने के बाद घंटो थाने में बैठाए रखा। इसके बाद घटना सरोजनीनगर की बताकर वापस लौटा दिया। जिसके बाद पीड़ित पिता सरोजनीनगर थाने पहुंचा, अमूमन जैसा होता है वैसा ही हुआ और वहाँ भी उसे घंटों बैठाया गया। घंटों बाद जाकर मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस ने दोस्त लिखने को कहा, रेप पीड़िता की मां ने सुनाई दर्दनाक दास्तां

लखनऊ में एक 14 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें थाने में तिरस्कार मिला और आरोपी के साथ पुलिस की मिलीभगत थी। मामला सरोजनी नगर थाने में दर्ज किया गया है। पीड़िता की मां ने बताया कि आरोपी दानिश पहले भी उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की कोशिश कर चुका था। पुलिस ने शिकायत में आरोपियों को दोस्त लिखने को कहा।

पीडिता की माँ ने बताया कि “मैं थाने पहुंची तो आरोपी दानिश पुलिस कर्मियों के साथ खड़ा था। मुझे देखने के बाद उसे हटाया गया। पुलिस आरोपियों के साथ मिली है। मेरी बेटी के साथ गलत हुआ है और हमें सिर्फ न्याय चाहिए। मैंने कृष्णानगर थाने से संपर्क किया। हमें पांच घंटे तक टरकाया गया और रात में साढ़े तीन बजे एफआईआर की कॉपी दी गई”।

पीड़िता की मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए यह दास्तां सुनाई। उन्होंने बताया कि बेटी मोहल्ले के स्कूल में कक्षा पांचवीं की छात्रा है। उसकी उम्र 14 वर्ष है। कोविड में उसकी पढ़ाई तीन वर्ष पिछड़ गई थी।

मां ने बताया कि घटना वाले दिन वह अपने पार्लर पर थी। दोपहर साढ़े तीन बजे घर पर फोन किया तो बच्चों ने बताया कि अभी बहन नहीं आई है। उसे चिंता हुई और फिर आकर खोजबीन शुरू की।

शाम को आरोपी उसे मोहल्ले में छोड़ गए। बेटी मिली और उसने घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद वह पहले कृष्णानगर थाने गई, लेकिन वहां से उन्हें यह कहकर सरोजनीनगर थाने भेज दिया गया कि घटना की शुरुआत वहां से हुई है, इसलिए मुकदमा वहीं पर दर्ज होगा। इसके बाद पूरा परिवार रात में सरोजनीनगर थाने पहुंचा, लेकिन वहां पुलिस कर्मियों का रवैया ठीक नहीं रहा।

मां का आरोप, बता दिया कैमरे खराब

पीड़िता की मां की मानें तो वह जब होटल गई तो वहां पर कमरा सही कर दिया गया था। बिजली कटने की बात बताई गई। यही नहीं, पूछा तो यह भी कहा गया कि सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब साजिश की वजह से ही किया गया है।

 

इस घटना के बाद पीड़ित परिवार के साथ पुलिस ने जो व्यवाहर किया वो हैरान करने वाला बिल्कुल भी नहीं है। उत्तर प्रदेश पुलिस का यह व्यवाहर उनका ट्रेडमार्क बन चुका है। अक्सर पुलिसकर्मीयों का पीड़ित से ऐसा ही व्यवाहर रहता है। हैरान करने वाली यदि कोई बात है तो वो ये कि पुलिसकर्मियों का यह रवैया राजधानी लखनऊ में है जहां तमाम सरकारी ताम-झाम है। मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्री यहीं से सरकार चलाते है। यदि लखनऊ में यह हालत है तो पूरे प्रदेश में क्या हालात होंगे परिकल्पना की जा सकती है। क्या यह घटना यह नहीं दर्शाती कि अपराधियों की साथ-साथ, पुलिसकर्मियों को भी किसी सरकार, किसी मंत्री और सरकार के मुख्यमंत्री का कोई खौफ नहीं है। क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों पर जरूरत से ज्यादा विश्वास की नीति पर विचार नहीं करना चाहिए?


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