Honour killing in Sambhal: जब वो अपनी बेटी की हत्या कर सकते हैं तो… संभल में गरमाया ऑनर किलिंग केस
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल से ऑनर किलिंग का मामला सामने आने के बाद विवाद गहरा गया है। बेटी की हत्या के आरोप में महिला और उसके 2 बेटों की गिरफ्तारी के बाद से गांव में लड़के के परिवार को जान का खतरा मंडरा रहा है। मंगलवार की शाम इसका नजारा दिखा। शाम करीब 4.30 बजे संभल जिले के एक गांव में एक मंजिला घर के बाहर खड़े नीले रंग के ट्रैक्टर पर घरेलू सामान लादा जा रहा था। ट्रैक्टर की ट्रॉली पर लकड़ी की चारपाई, तीन प्लास्टिक की कुर्सियां, एक गैस चूल्हा, एक एलपीजी सिलेंडर और कपड़ों का ढेर पहले ही रखा जा चुका था।
इस संबंध में 14 वर्षीय लड़के की मां कहती है कि हम इस गांव को हमेशा के लिए छोड़ रहे हैं। उसके बेटे पर गांव की ही 16 वर्षीय लड़की के साथ रेप करने का आरोप है। मां कहती है कि जब वे अपनी बेटी को मार सकते हैं तो हम कैसे नहीं डरें?
दरअसल, संभल पुलिस ने 45 वर्षीय महिला और उसके 25 एवं 26 वर्षीय दो बेटों को अरेस्ट किया है। उन पर 16 वर्षीय लड़की की हत्या का आरोप है। इस गिरफ्तारी के दो दिन बाद लड़की के साथ भागने और उसके साथ रेप के आरोपी लड़के का परिवार डर के कारण गांव छोड़कर जा रहा है। गांव छोड़ने के मसले पर लड़के की मां कहती है कि अगर वे अपनी बेटी की हत्या कर सकते हैं, तो हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन दे सकता है? मेरा बेटा (14 वर्षीय) बच गया, क्योंकि वह अपने दादा के साथ अस्पताल में था। ऐसा नहीं है तो वह एक बार फिर सलाखों के पीछे होता।
रेप के आरोप में हुआ था अरेस्ट
लड़की के साथ रेप के आरोपी 14 वर्षीय लड़के को इस साल फरवरी में पकड़ा गया था। लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। लड़की ने कोर्ट को बताया कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था। वास्तव में वह लड़के के साथ रिश्ते में थी। उसे 11 सितंबर को रिहा कर दिया गया। 19 सितंबर को जब बारिश हो रही थी, लड़की को रात 11 बजे के आसपास संभल गांव के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार पर गोली मार दी गई। लड़की के एक भाई ने पुलिस स्टेशन जाकर दावा किया कि नाबालिग लड़के और उसके चाचा ने बहन को गोली मार दी है।
तीन दिनों में हुआ खुलासा
हालांकि, तीन दिनों के भीतर पुलिस ने लड़की के भाइयों और मां को गिरफ्तार कर लिया। स्टेशन हाउस ऑफिसर राजीव मलिक कहते हैं कि वे अपने बयान बदलते रहे। एसएचओ ने बताया कि उनकी जांच में पता चला है कि लड़की और उसकी मां 19 सितंबर को गाजियाबाद से गांव के लिए बस में सवार हुई थीं। लड़की के भाई ने उन्हें मोटरसाइकिल पर बस स्टॉप से उठाया। उसने हमें बताया कि बहन बाइक पर उसके और मां के बीच बैठी थी, लेकिन जब हमने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो हमने उसे मां के पीछे बैठे देखा।
एसएचओ का कहना है कि भाइयों में से एक के मोबाइल फोन की लोकेशन का पता लगाया गया। वह लड़की को गोली मारे जाने के स्थान पर पाया गया। गोली मारने के बाद वह अपने चाचा के घर गया था। परिवार ने हमें यह नहीं बताया कि अपराध के समय भाई मौके पर था। अधिकारी ने बताया कि जब भाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी बहन की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
भाई ने कबूला जुर्म
भाई ने पुलिस को बताया कि उसने गांव के एक व्यक्ति से 25,000 रुपये में पिस्तौल खरीदी। इसके बाद अपनी बहन को गोली मारने की साजिश रची, क्योंकि वह लड़के के साथ रहने पर अड़ी हुई थी। संभल के सहायक पुलिस आयुक्त अनुज कुमार चौधरी के अनुसार, किसी ने लड़की और लड़के का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था और उसके भाई को दिखा दिया। एसीपी ने कहा कि वीडियो देखने के बाद भाई आक्रोशित हो गया। उसने लड़की को मारने की योजना बनाई।
ग्राम प्रधान ने बताई पूरी कहानी
गांव के लोगों ने मामले से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। ग्राम प्रधान वीर सिंह ने कहा कि इस मामले का हमारे गांव से कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि लड़की का परिवार करीब 12 साल पहले गाजियाबाद चला गया था। प्रधान ने कहा कि परिवार ने गाजियाबाद में ई-रिक्शा और ट्रैक्टर किराए पर देने का छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया था। वे यहां बहुत कम आते हैं। दोनों (पीड़िता का परिवार और लड़के का परिवार) पड़ोसी हैं।
ग्राम प्रधान ने कहा कि एक साल पहले लड़का काम के लिए गाजियाबाद चला गया। पीड़िता के एक भाई के कारोबार में शामिल हो गया। वह लड़की के परिवार के साथ भी रह रहा था, क्योंकि वे दोनों एक ही गांव के थे। लड़की और लड़के में प्यार हो गया। इस साल फरवरी में लड़की, उसकी सहेली, लड़का और उसका एक दोस्त गाजियाबाद स्थित घर से लापता हो गए। जब लड़की के परिवार के सदस्य तीन दिनों तक उन्हें नहीं ढूंढ पाए तो उन्होंने गाजियाबाद पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई।
वीर सिंह ने बताया कि जल्द ही 14 वर्षीय लड़के को पकड़ लिया गया। मां का कहना है कि जब पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार किया, तब वह अपने बड़े भाई की शादी में गया हुआ था। हमें परिवार की ओर से लगाए गए (रेप) आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लड़की के रिश्तेदारों का मानना है कि हत्या से मां का कोई लेना-देना नहीं है। लड़के के चाचा का कहना है कि सम्मान सभी के लिए मायने रखता है। हम यादव हैं। हम चुप कैसे बैठ सकते थे? लेकिन, लड़की को मारना जरूरी नहीं था। वे उसे घर से बाहर जाने के लिए कह सकते थे।